ग्रेटर नोएडा: जनवरी से नहीं मिला वेतन, हड़ताल पर गये पीसीआर चालक, प्रशासन ने खड़े किये हाथ
पीसीआर चालक मनमोहन सिंह और अंकुर ने बताया कि जनवरी 2019 से अब तक उन्हें वेतन नहीं मिला है। इससे जनपद के कुल 129 पीसीआर चालकों के सामने भीषण आर्थिक समस्या पैदा हो गई है।
ग्रेटर नोएडा, एबीपी गंगा। पांच महीने से वेतन न मिलने पर पीसीआर ड्राइवर फिर हड़ताल पर चले गए। उनका कहना है कि काम के बदले उन्हें अगर वेतन नहीं मिल रहा है तो फिर गुजारा कैसे होगा। चालकों और ठेकेदार ने न्यूनतम वेतन न मिलने का भी आरोप लगाया। बताया जाता है कि आर्थिक रूप से कंगाल होने के कगार पर खड़े प्राधिकरण ने अब पीसीआर चालकों को वेतन देना बंद कर दिया है। इसलिए यह समस्या पैदा हुई है।
पीसीआर चालक मनमोहन सिंह और अंकुर ने बताया कि जनवरी 2019 से अब तक उन्हें वेतन नहीं मिला है। इससे जनपद के कुल 129 पीसीआर चालकों के सामने भीषण आर्थिक समस्या पैदा हो गई है। उनका कहना है कि वेतन के लिए वे लगातार डीएम और एसएसपी से मुलाकात कर गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। पीसीआर चालकों का कहना है कि उन्हें तो न्यूनतम वेतन भी नहीं मिलता है। महीने में सिर्फ 9,264 रुपये मिलते हैं। इसके अलावा उन्हें और कुछ नहीं मिलता है। इतने में गुजारा नहीं होता है। उस पर पांच छह माह तक लगातार वेतन न मिले तो कैसी स्थिति होगी, कल्पना की जा सकती है। चालकों के ठेकेदार का कहना है कि प्राधिकरण से उनकी कंपनी का अनुबंध है, लेकिन प्राधिकरण वेतन की रकम एसएसपी को देता है और एसएसपी कार्यालय से ही उसका भुगतान किया जाता है। ठेकेदार का कहना है बीते वर्ष नवंबर में जिलाधिकारी ने इस बात का भरोसा दिया था कि 30 नवंबर तक इस समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन अब वर्ष-2019 का जून बीतने वाला है। इसका कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह सभी चालकों का भुगतान कर सकें। एसएसपी कार्यालय से जब भी पेमेंट होता है, अगले दिन सैलरी दे दी जाती है। ठेकेदार का कहना है कि बीते छह माह में दर्जनभर बार डीएम और एसएसपी से मुलाकात कर भुगतान की गुहार लगाई।
जानकारी के मुताबिक पुलिस विभाग ने अब इन पीसीआर चालकों की सेवाएं न लेने का मन बना लिया है। पहले प्राधिकरण से पेमेंट मिलने पर पुलिस विभाग को कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन प्राधिकरण के हाथ खींच लेने से पुलिस विभाग भी अपने को असहाय महसूस कर रहा है। बताया जाता है कि एसएसपी ने इस बाबत जिले के सभी थाना प्रभारियों को संदेश दे दिया है। किसी भी पीसीआर पर प्राइवेट ड्राइवर तैनात नहीं रहेंगे क्योंकि पुलिस की अंदरूनी जानकारियां बाहर जनता तक पहुंचती है। कुछ पीसीआर कर्मी भी गलत कामों में लिप्त पाए गए हैं। जिसको देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि पीसीआर ड्राइवर की वजह से व्यवहारिकता में दिक्कत आ रही थी। जिसके चलते यह निर्णय लिया गया है कि पीसीआर को पुलिस कर्मी ही चलाएंगे। पूर्व में कई ऐसे ड्राइवर अवैध वसूली में संलिप्तता में पाए गए थे। जो जेल भेजे गए हैं। इनके चलते विभाग की गोपनीयता भंग हो रही थी। इसके चलते यह कदम उठाया गया है।