गोरखपुर, एबीपी गंगा। जब 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद पत्‍थर और लाठियां बरस रहीं थीं, तो लोगों को विश्‍वास ही नहीं हो रहा था कि ये वही सीएम सिटी है, जिसे लोग गंगा-जमुनी तहजीब के लिए याद करते हैं लेकिन शहर को आग में झोकने वालों के मंसूबे पर पानी फेरने के लिए इस जुमे पर मजहब और पार्टी को दरकिनार कर अमन पसंद लोग आगे आए और इस शहर का माहौल एक बार फिर खराब होने से बच गया।


गोरखपुर का यही वो नखास चौक और घंटाघर चौराहा है जहां 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद पत्‍थर और लाठियां चल रही थीं लेकिन, आज इसी चौराहा पर जुमे की नमाज के बाद जब छोटे-छोटे बच्‍चों ने लोगों को गुलाब के फूल के साथ तिरंगा भेंट किया, तो आने-जाने वाले राहगीरों ने भी बच्‍चों की पहल का स्‍वागत किया। शाहमारुफ के जामा मस्जिद इलाके में सपा के महानगर अध्‍यक्ष जियाउल इस्‍लाम, पूर्व जिलाध्‍यक्ष डा. मोहसिन खान भी नमाज के बाद लोगों से घर जाने की अपील करते हुए मिले और नमाज अदा कर घर जा रहे लोगों ने भी इस पहल का स्‍वागत किया। वहीं शांति और सद्भावना समिति के सदस्‍य आदिल अमीन ने बताया कि वे लोग नमाज पढ़कर निकलने वाले लोगों को घर जाने की अपील कर रहे हैं क्‍योंकि वे चाहते हैं कि अमन-चैन कायम रहे।


गोरखपुर के घंटाघर चौक पर अधिकारी अपने वाहनों से गश्‍त करते हुए मिले। इसी बीच नमाज के बाद घंटाघर चौक पर पिता के साथ घर लौट रहा बच्‍चे लोगों को गुलाब का फूल देकर अमन का पैगाम देता हुआ मिले। ऐसा ही नजारा नखास चौक पर भी द‍ेखने को मिला। व्‍यापारी कृष्‍णाजी के साथ फूल और तिरंगा भेंट कर रहे मोहम्‍मद आलिम ने बताया कि वे अमन का पैगाम देना चाहते हैं, क्‍योंकि पिछले जुमे को जिस तरह से शहर का माहौल खराब हुआ था, वो ऐसा मंजर फिर देखना नहीं चाहते हैं। वहीं गुलाब का फूल और तिरंगा भेंट पाने वाले आमिर अली ने बताया कि कृष्‍णा उनके मोहल्‍ले के रहने वाले हैं। उन्होंने गुलाब का फूल और तिरंगा भेंट किया है। पिछले हफ्ते अमन में खलल पड़ गया था। इस बार सब शांति है। वे लोग भी चाहते हैं कि शहर की गंगा-जमुनी तहजीब और शांति कायम रहे।