प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज के संतों व धर्म गुरुओं ने वैक्सिनेशन के लिए लोगों को खास अंदाज में जागरूक करने की मुहिम शुरू की है. इसके तहत ओम नमः शिवाय आश्रम के साथ ही कुछ दूसरे धर्म स्थलों में दर्शन -पूजन व गुरु के प्रवचन सुनने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को न सिर्फ शपथ दिलाई जा रही है, बल्कि उन्हें दूसरे लोगों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
गऊघाट पर यमुना किनारे स्थित ओम नमः शिवाय आश्रम में दिन भर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है. कोई रुद्राभिषेक के लिए आता है तो कोई आश्रम के प्रमुख प्रभु जी महाराज के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेने के लिए. खास बात यह है कि इस आश्रम में इन दिनों मंत्रों के उच्चारण, भजनों और प्रवचन के साथ ही कोविड से बचाव के संदेश भी पूरे दिन गूंजते रहते हैं. सुबह के वक्त योग और अभ्यास में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना से बचाव के गुरुमंत्र दिए जाते हैं. तो दोपहर को सीमित श्रद्धालुओं के बीच होने वाले प्रवचन में हाथ उठवाकर लोगों को वैक्सीन के जरिये महामारी से खुद का बचाव करने की नसीहत दी जाती है. वैक्सिनेशन का संदेश आश्रम में आने वाला कोई भी श्रद्धालु नजरअंदाज न कर पाए, इसके लिए रोजाना शपथ भी दिलाई जाती है.
आश्रम के प्रमुख प्रभु जी महाराज लोगों को इस बात का संकल्प दिलाते हैं कि वह खुद तो वैक्सीन लगवाएंगे. साथ ही वे अपने परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को भी टीका लगवाने के जागरूक करेंगे. वैक्सीन के साथ ही लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते रहने के लिए भी कहा जाता है. आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं को टीकाकरण का महत्व बेहतर तरीके से समझाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किये जाते हैं. आश्रम के प्रमुख प्रभु जी महाराज के मुताबिक़ वैक्सीन लगवाकर न सिर्फ खुद का जीवन सुरक्षित होगा, बल्कि देश भी जल्द से जल्द कोरोना से मुक्त होगा.
रुद्राभिषेक का विशेष कार्यक्रम भी होता है
आश्रम में कोरोना के खात्मे के लिए रुद्राभिषेक का विशेष कार्यक्रम भी किया जाता है. इसमें 20 क्विंटल दूध व दही से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है. कोरोना से मुक्ति के लिए यहां हवन का भी आयोजन होता है. धार्मिक कार्यक्रमों के बाद कोरोना के नाश व सभी लोगों के सुरक्षित रहने की कामना के लिए विशेष प्रार्थना भी होती है. आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या किसी भी हालत में 100 के पार नहीं होने दी जाती.
ये भी पढ़ें: