बर्फबारी की वजह से पहाड़ों पर जनजीवन प्रभावित, कई मार्ग हुए बंद, गांवों में गहराया बिजली-पानी संकट
बर्फबारी होने की वजह से पहाड़ी इलाकों में पानी का भी संकट हो गया है। ठंड के कारण पेयजल लाइनों में पानी बर्फ बन चुका है। ग्रामीण बर्फ को पिघलाकर पानी का इंतजाम कर रहे हैं।
देहरादून, एबीपी गंगा। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बर्फबारी से उत्तरकाशी जिले के 40 गांव पूरी तरह से बर्फ से ढके हुए हैं। गांवों में बिजली के साथ-साथ पानी का भी संकट भी गहरा गया है। पुरोला, मोरी, भटवाड़ी व डुंडा ब्लॉक के 60 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री हाई-वे सहित जिले के 15 मार्ग अभी भी बंद हैं।
भारी बर्फबारी के कारण गंगा घाटी और यमुना घाटी के 60 से अधिक गांवों में बिजली गुल है। जबकि 40 से अधिक गांवों में जमकर बर्फबारी होने से यहां पानी का भी संकट हो गया है। ठंड के कारण पेयजल लाइनों में पानी बर्फ बन चुका है। ग्रामीण बर्फ को पिघलाकर पानी का इंतजाम कर रहे हैं। साथ ही बिजली आपूर्ति न होने और कैरोसीन भी उपलब्ध न होने से परेशानी और बढ़ गई है।
लैंसडाउन क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से क्षेत्र में जनजीवन ठहर सा गया है। बर्फबारी की वजह से लोग घरों में कैद हो गए हैं। बर्फबारी के कारण क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई मोटर मार्ग यातायात के लिए अवरूद्ध हो गए हैं। लोगों को पैदल ही आवाजाही करनी पड़ रही है।
इस बीच हल्द्वानी पहुंचे जागेश्वर के विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भारी बर्फबारी में पहाड़ों में कई रास्ते बंद हैं। सरकार की आपदा प्रबंधन की तैयारी पूरी तरह खोखली साबित हुई है।
कुंजवाल ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को मौसम विभाग द्वारा लगातार फीड बैक दिया जा रहा है बावजूद इसके आपदा प्रबंधन के दावे फेल साबित हो रहे हैं। बर्फबारी आम जनजीवन के लिए परेशानी का कारण बन गई है, अगर जल्द पहाड़ी क्षेत्रों के आवागमन शुरू नहीं हुआ तो स्थिति और गंभीर होगी।