गोंडा: विकासखंड इटियाथोक क्षेत्र के ग्राम पंचायत लोहशीशा गांव के अंदर आने-जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण ना होने के चलते ग्रामीण कीचड़ वाली सड़क में चलने को मजबूर हैं. आए दिन ग्रामीण अपनी इस मुसीबत को लेकर विरोध दर्ज कराते रहते हैं. करीब 2 किलोमीटर कीचड़ वाली सड़क के बाद लोगों को पक्की सड़क मिलती है. जब गांव में कोई बीमार हो जाता है तो मरीज को चारपाई पर लेटा कर चार लोग किसी तरह से 2 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक लाते हैं. उसके बाद अपने साधान के जरिए अस्पतालों तक पहुंचाते हैं.
ग्रामीण डीएम कर चुके हैं शिकायत
गांव में पक्की सड़क ना होने के चलते ग्रामीण कच्ची और कीचड़ युक्त सड़क में आने-जाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों की मानें तो इसकी शिकायत जिलाधिकारी के पास सोशल मीडिया के जरिए लगातार की जा रही है. लेकिन, अधिकारियों की तरफ से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. ग्राम पंचायत में सड़कों के निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों के लिए पैसों का आवंटन किया जाता है लेकिन लोहशीशा गांव विकास के क्रम में पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है. फिलहाल, मुख्य विकास अधिकारी ने गांव में विकास कार्य करवाने की बात कही है.
नहीं हुआ सड़क का निर्माण
यूपी सरकार ने विकास के कार्यों का बखान करने के लिए बड़े-बड़े पोस्टर, बैनर चौराहों पर लगवा दिए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य हो भी रहे हैं लेकिन इटियाथोक विकासखंड क्षेत्र के पंचायत लोहशीशा गांव में अभी तक आने-जाने के लिए पक्की सड़क या ईंट की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. जबकि, ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के नाम पर 5 साल के अंदर करोड़ों रुपए आते हैं.
बेहद खराब है रास्ता
हालात ये हैं कि सैकड़ों ग्रामीण बरसात के मौसम में कीचड़ वाली सड़क से आने-जाने को मजबूर हैं. हैरानी की बात ये है कि यहां पर कोई चार पहिया वाहन और एंबुलेंस नहीं आ सकती है.सवाल ये भी है आखिर इस गांव में अभी तक विकास क्यों नहीं हो पाया. क्यों अभी तक ईंट की सड़क भी नहीं बन पाई है. ग्रामीणों ने लगातार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पूरे मामले पर मुख्य विकास अधिकारी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है, जल्द से जल्द गांव में सड़क निर्माण के साथ विकास कार्य कराया जाएगा.
कोई सुध लेने नहीं आया
गोंडा मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर इटियाथोक क्षेत्र विकास खंड लोहशीशा गांव को देखकर ऐसा लगता है कि आज भी यहां लोग 19वीं शताब्दी में जी रहे हैं. बीमार को हॉस्पिटल ले जाते-जाते ही उसकी हालत और बिगड़ जाती है. ग्रामीणों का कहना है कि रास्ते को बनवाने के लिए कई बार अधिकारियों के साथ-साथ जन सुनवाई में भी शिकायत की गई. सिर्फ आश्वासन मिला, यहां कभी कोई अधिकारी सुध लेने तक नहीं आया है.
जल्द होगा सड़क का निर्माण
पूरे मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी का कहना है कि मामले की जानकारी हुई है. इटियाथोक के खंड विकास अधिकारी से पूरे प्रकरण में बात करने के बाद वहां के ग्राम प्रधान और अधिकारियों से बात की जाएगी. जल्द से जल्द सड़क निर्माण कर समस्या का निराकरण कराया जाएगा.
ये भी पढ़ें:
यूपी: दुबई के सपने दिखाकर दो लड़कियों का कराया धर्मांतरण, रेप के बाद करता था ब्लैकमेल, केस दर्ज