यूपी: यमुना का जलस्तर बढ़ने से मथुरा में हर तरफ पानी-पानी, लोगों ने छतों पर जमाया डेरा
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से मथुरा में बाढ़ की स्थिति हो गई है. कई कॉलोनियों के लोग घबराए हुए हैं. जिले में स्थित सभी घाट डूब गए हैं.
Yamuna Water Level: उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. मजबूरन लोगों को अब छतों पर डेरा डालना पड़ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि वे दिल्ली के ओखला बैराज से छोड़े जाने वाले पानी पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. यमुना का जलस्तर अभी चेतावनी बिंदु तक भी नहीं पहुंचा है. उनके अनुसार सिंचाई विभाग को पूरी तरह से सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
गौरतलब है कि पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश होने और बादल फटने जैसी घटनाओं के बाद पिछले एक हफ्ते में ही यमुना तथा उससे जुड़ी सहायक नदियों के जलस्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. अब निचले इलाकों में पानी पहुंचने लगा है.
खतरे के निशान से 1 मीटर नीचे यमुना
पिछले दिनों दिल्ली के ओखला बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मथुरा जिले में यमुना का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. जिले में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से करीब एक मीटर नीचे है. इसके चलते सोमवार को बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में पहुंच गया है.
जलस्तर बढ़ने से खादर के इलाकों में अवैध रूप से बसाई गईं कालोनियों में खलबली मची हुई है. वहां के निवासी छतों तथा अपेक्षाकृत ऊंचे इलाकों में आश्रय पाने के लिए विवश हो गए हैं. जिला प्रशासन भी उनकी इस स्थिति का लगातार आकलन कर रहा है तथा बाढ़ चैकियों को पूरी तरह सतर्क बने रहने को कहा गया है.
यमुना में उफान के कारण एक ओर जहां परिक्रमा मार्ग एवं कुम्भ बैठक मेला क्षेत्र जलमग्न होने लगा है, वहीं खादर क्षेत्र में स्थित रशियन बिल्डिंग के आसपास की कालोनियों में पानी भर गया है. देवराहा बाबा घाट, केसी घाट और कुम्भ बैठक मेला क्षेत्र पूरी तरह डूब गया है. इससे इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ गईं हैं.
सभी घाट डूबे
यमुना का जलस्तर बढ़ने से मथुरा और वृन्दावन में सभी घाट डूब गए हैं. मथुरा के प्रयाग घाट स्थित बाढ़ सूचकांक पर यमुना चेतावनी बिंदु 165.20 मीटर के निकट तक पहुंच चुकी है. रात में यदि दिल्ली की ओर से और अधिक पानी आया तो यह पार भी हो सकता है.
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ब्रजेश कुमार ने बताया, यमुना का जलस्तर अभी चेतावनी स्तर तक भी नहीं पहुंचा है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ हम ओखला से छोड़े जाने वाले पानी पर लगातार नजर रख रहे हैं. सिंचाई विभाग को अलर्ट किया गया है.’’
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