देहरादून, एबीपी गंगा। केंद्र सरकार की पहल के बाद पासपोर्ट बनवाने वालों की होड़ लगने लगी है। ऐसा हम नहीं बल्कि केंद्र सरकार उत्तराखंड रिजन के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। पासपोर्ट के लिए विदेश मंत्रालय ने नियमों में सरलीकरण करने के साथ ही जनजागरूकता के लिए क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों की भी अहम भूमिका को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आखिर क्या हुआ है बदलाव, कितना फर्क पड़ा, किन लोगों के लिए है पासपोर्ट बनना जरूरी? एबीपी गंगा की खास रिपोर्ट
पासपोर्ट का नाम सुनते ही दिमाग में एक ही बात सामने आती है कि पासपोर्ट के जरिए विदेश जाने का सपना पूरा हो सकता है। जी हां, पासपोर्ट एक तरीके से भारतीय नागरिकता का पहचान पत्र होता है। जिसके जरिये किसी देश घूमने, पढ़ने, नौकरी करने जा सकते हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों को देखे तो पासपोर्ट बनाने के लिए लोगों में काफी जागरूकता बढ़ी है और भारी संख्या में लोग, हर साल पासपोर्ट बना रहे हैं। रोजाना देहरादून स्थित पासपोर्ट कार्यालय में करीब 350 से 400 लोगों के अपॉइंटमेंट रहते हैं।
पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया है बेहद आसान
साल 2018 में केंद्र सरकार में पासपोर्ट बनाने के नियमों में कुछ बदलाव कर पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया और आसान कर दी है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति कही से भी ऑनलाइन पासपोर्ट का फॉर्म भर सकता है। और किसी भी राज्य के पासपोर्ट ऑफिस में वेरिफिकेशन के लिए अपॉइंटमेंट ले सकता है। हालांकि अपॉइंटमेंट के दौरान ओरजिनल डॉक्यूमेंट लगाकर अधिकारी को दिखाने होते है। जांच के बाद अधिकारी पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ देता है। अगर आपके डॉक्यूमेंट पूरा है और सही है तो पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया में करीब 15-20 दिन का समय लगता है। और यही वजह है कि पिछले साल से लोगों में पासपोर्ट बनाने की और रुचि बढ़ी है।
प्रदेश में सात जगह है पासपोर्ट सेवा केंद्र
मौजूदा समय में प्रदेश के सात क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवा केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। जिसमे देहरादून, अल्मोड़ा, नैनीताल, काठगोदाम, श्रीनगर, रुड़की व रुद्रपुर में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले गए हैं। हालांकि पहले सिर्फ देहरादून में ही पासपोर्ट ऑफिस था जिस वजह से लोगों को पासपोर्ट बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। लेकिन प्रदेश के कई क्षेत्रों में पासपोर्ट सेवा केंद्र खुल जाने से लोगों को देहरादून की तरफ रुख नहीं करना पड़ेगा।
18-30 साल के युवा कर रहे हैं सबसे ज्यादा आवेदन
देहरादून में पासपोर्ट बनाने के लिए हर साल भारी संख्या में लोग आवेदन भर रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में पासपोर्ट बनाने के लिए आवेदकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही हर साल आवेदन करने वालों में 18 से 30 साल के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा करीब 50-52 फीसदी रही है। साल 2018 की बात करें तो कुल 1,12,368 लोगों ने आवेदन किया था।
एक नजर में आंकडें
- साल 2016 में कुल 72,124 लोगों के आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमे से 52,653 पुरुष व 19,471 महिलाओं के आवेदन शामिल हैं। और कुल आवेदन में से 18 से 30 साल के युवाओं के आवेदन करने की संख्या 37,487 रही है।
- साल 2017 में कुल 88,819 लोगों के आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमे से 63,351 पुरुष व 25,468 महिलाओं के आवेदन शामिल हैं। और कुल आवेदनों में से 18 से 30 साल के युवाओं के आवेदन करने की संख्या 45,852 रही है।
- साल 2018 में कुल 1,12,368 लोगों के आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमे से 78,040 पुरुष व 34,328 महिलाओं के आवेदन शामिल हैं। और कुल आवेदनों में से 18 से 30 साल के युवाओं के आवेदन करने की संख्या 53,754 रही है।
- साल 2019 में मई महीने तक करीब 47,955 लोगों के आवेदन प्राप्त हुए है।