UP: बस्ती में बिना कोविड वैक्सीन लिए मिला वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, ऐसे हुआ चौंकाने वाले मामले का खुलासा
बस्ती में लोगों को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगाए बिना उन्हें कोविड वैक्सीनेशन की सर्टिफिकेट देने का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद सीएमओ ने इसे टेक्निकल फॉल्ट बताया है.
Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में कोरोना वैक्सीन का जिला प्रशासन ने मजाक बनाकर रख दिया है. आलम यह है कि प्रशासन वैक्सीन लगाने में इतनी हड़बड़ी में है कि जिनको वैक्सीन की पूरी डोज नहीं भी लगी है उसके भी मोबाइल पर मैसेज के जरिए उन लोगों को यह सूचना दे रहा है कि आपने सफलता पूर्वक कोविड वैक्सीनेशन को दोनों डोज ले ली है. प्रशासन के इस मैसेज की जहां लोग जमकर मजाक उड़ा रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर बस्ती का जिला प्रशासन लोगों के निशाने पर आ गया है और लोग प्रशासन को जमकर ट्रोल कर रहे हैं. 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन दिखाकर बहादुरी लूटने के लिए बस्ती जिला प्रशासन उत्तर प्रदेश में वैक्सीनेशन में नंबर वन बनने के चक्कर में कागजों में वैक्सीनेशन कर आंकड़े दुरुस्त कर रहा है और शासन की नजर में अपनी पीठ थपथपा खुश हो रहा है.
एक डोज के बाद मिली वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट
दरअसल, बस्ती शहर के गांधीनगर निवासी दिग्विजय ने बताया कि मेरे मित्र ममून अहमद और उनकी बहन शाहिफ़ा खातुन को कोरोना टीका का पहला ही डोज लगा है और वे लोग बाहर रहते हैं लेकिन सरकारी आंकड़े में वे दोनों पूरी तरह से वैक्सिनेटेड हो गए हैं. मतलब कि उन्होने टीके की दोनों डोज लग गई है इतना ही नहीं उनके मोबाइल पर सरकारी मैसेज जाता है जिसमें ये बताया गया है कि ममून ने कुदरहा CHC पर व उनकी बहन मरवटिया CHC पर खुद जाकर वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है जबकि वे दोनों बाहर रहते हैं. इतना ही नही धनंजय नाम के एक और शख्स बताते हैं कि मेरे भाई का मोबाइल नंबर का प्रयोग कर किसी ने टीके के दोनों डोज लगवा लिया जिसको न तो मैं जानता हूं और न ही मेरा भाई. इसकी जानकारी मुझे मोबाइल पर आए मैसेज से हुई. सरकार के जादुई आंकड़ों के अनुसार यह लोग पूर्ण रूप से वैक्सिनेटेड हो गए हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि इन लोगों का जब सच में वैक्सीनेशन का समय आएगा तो यह टीका नहीं ले पाएंगे.
सीएमओ ने दिया टेक्निकल फॉल्ट का हवाला
बहरहाल इस जादुई वैक्सीनेशन आंकड़े के बारे में जब जिले के स्वास्थ महकमे के अफसर से सवाल किया गया तो डिप्टी सीएमओ ने टेक्निकल फॉल्ट का हवाला देते हुए मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया. अगर यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा तो कोरोना से मुकाबला करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.
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