(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pauri: नहीं मिल रहा है लोगों को मुआवजा, प्रशासन ने दिया मानकों का हवाला
भारी बारिश के बाद क्षतिग्रस्त हुए मकानों के लिये पीड़ितों को मुआवजा अब तक नहीं मिला है. वहीं, प्रशासन का कहना है कि, मुआवजा मानकों के आधार पर ही दिया जाएगा.
पौड़ी: पौड़ी में मानूसन सीजन के दौर में कई आपदा प्रभावित क्षतिग्रस्त मकानों के मुआवाजे के लिये लोग इन दिनों दर दर भटकने को मजबूर हो गये हैं. दरअसल अत्याधिक बारिश के कारण पिछली बरसात में क्षतिग्रस्त हुए मकानो की शिकायत प्रशासन से करने के बावजूद भी कई प्रभावित लोग मुआवजे की दरकार जिला प्रशासन से लगा रहे हैं. लेकिन जिले का प्रशासन ये तक तय नहीं कर पा रहा है कि प्रभावित मुआवजे के दायरे में आ रहे हैं या नहीं.
परेशान हो रहे हैं प्रभावित लोग
दरअसल बरसाती दौर में कई कच्चे मकानों में रह रहे प्रभावितों के मकानों को इस बारिश में भी भारी नुकसान पहुंचा हैं, जिनके मकान या तो आधे टूट चुके हैं या फिर मकानों में भारी दरारें आयी हैं. ऐसे में प्रभावित मुआवजे के लिये मुख्यालय और आपदा प्रबंधन केंद्र के चक्कर भी लगा रहे हैं. लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग इन प्रभावितों को ये कहकर बैंरंग वापस भेज रहा है कि ये वे आपदा प्रभावित के दायरे में नहीं आते, जिसके एक कारण कच्चे मकानों को बताया जा रहा है.
आस पड़ोस से मदद लेकर खुद बना रहे हैं मकान
ऐसे में निराश प्रभावित अब आस पडोस से मदद लेकर और अपनी आर्थिकी के जरिये ही अपने मकानों को रहने लायक बिना मुआवजे की ही स्वयं बनाने लगे हैं. प्रभावित रामलाल की मानें तो उनका मकान पिछले माह अत्यधिक बारिश के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन प्रशासन से बार बार की गई शिकायत के बाद भी मुआवजे पर कोई अमल नहीं किया गया, जिसके कारणवश उसे स्वयं ही अपने संसाधनों से और आस पड़ोस से मदद लेकर मकान की मरमम्त अपनी आर्थिकी से करनी पड़ी है.
प्रशासन ने कहा-हम प्रयास कर रहे हैं
वहीं, अब तक किये गये मुआवजे के लिये प्रयास नाकाफी ही सिद्ध हुए हैं. हालांकि, इस संबध में जिला प्रशासन की माने तो आपदा प्रबंधन में मुआवजे के लिये कुछ मानक तय हैं, अगर प्रभावित इन मानकों के अंतर्गत आता है तो ही मुआवजे की कार्यवाही अमल में लायी जाती है. हालांकि, जिलाधिकारी ने ये भी बताया कि जो परिवार मुआवजे से वंचित रह जा रहे हैं उन्हे भी मुआवजा मिले, इसके लिये शासन को पत्राचार भी किया जा रहा है ताकि बरसात के दिनो में प्रभावितों को उचित मदद दिलायी जा सके.