Tokyo Olympic 2020: नीरज चोपड़ा के गोल्ड मेडल जीतने पर मसूरी के लोगों ने जमकर की आतिशबाजी, मिठाई बांटी
ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा की जीत से पूरे देश में उत्सव जैसा माहौल है. वहीं, मसूरी के लोगों ने इस दौरान एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया.
Celebration in Mussoorie: टोक्यो ओलंपिक में शनिवार का दिन यादगार बन गया. इस दिन हमारे पास दो-दो मेडल आए. पहले कुश्ती के मुकाबले में पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग में बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता. इसके बाद नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया. जैवलिन थ्रो में देश के लिए वह पहला गोल्ड मेडल जीते. इससे पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई. देश का हर घर जश्न में डूब गया. टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा के जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतते ही मसूरी के लोग मसूरी के पिक्चर पैलेस चौक पर एकत्रित हुए और जमकर आतिशबाजी और मिठाई खिलाकर खुशी मनाई गई. इस मौके पर उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी मसूरी भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल मसूरी कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सतीश ढौंडियाल, मसूरी महिला कांग्रेस अध्यक्ष जसबीर कौर, मसूरी व्यापर मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, जगजीत कुकरेजा आदि ने कहा कि, देश के लिए आज सबसे बड़ा दिन है. जब देश ने काफी समय के बाद गोल्ड मेडल जीता है, उन्होंने नीरज चोपड़ा को बधाई देते हुए कहा कि आज नीरज चोपड़ा ने देश का सर पूरे विश्व में ऊंचा कर दिया है.
पीएम ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया
वहीं, देश का प्रत्येक नागरिक गौरवान्वित महसूस कर रहा हैं. भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा टोक्यो ओलंपिक में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों से पर्सनली बात की गई है, जिससे खिलाड़ियों का हौसला अफजाई हुई है और यह देश के इतिहास में पहली बार है जब कोई प्रधानमंत्री किसी खिलाड़ी से बात कर उनका हौसला बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि, देश का हर व्यक्ति खुशी में डूबा हुआ है. उन्होंने कहा कि इससे आने वाली पीढ़ियों को भी सीख मिलेगी और कोशिश करेंगे कि, लोग गोल्ड मेडल जीते. उन्होंने कहा कि, आज भारत विकासशील देशों में शुमार है और जिस तरीके से भारत विश्व में अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़कर काम कर रहा है अब खेल में भी वह विश्व भर में आगे आ रहा है.
नीरज ने रच दिया इतिहास
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में शनिवार को भाला फेंक में गोल्ड मेडल जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा. नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका जो कि सोने का तमगा हासिल करने के लिए काफी था. यह ओलंपिक एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक है. इससे उन्होंने भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया. नीरज को गोल्ड मिलते ही पूरे देश में जश्न शुरू हो गया. पानीपत में उनके घर पर जोरदार जश्न देखने को मिला. नीरज चोपड़ा के पिता ने कहा कि, गोल्ड मेडल जीतने पर हमें अपने बेटे पर गर्व है. हमारे इलाके में खेल की सुविधाओं का अभाव है. वह अपने खेल के लिए घर से 15-16 किलोमीटर दूर जाता था.
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