पीलीभीत: ब्राह्मण, क्षत्रिय, यादव, जाटव आदि तरह के जाति सूचक स्टीकर वाहनों पर लगे मिलते थे. लेकिन अब इनको हटाने में पुलिस और RTO की टीम जुट गई है. हालांकि, अब आई लव किसान जैसे स्टीकर चलन में खूब आ रहे हैं जो यह स्टीकर लगवा रहे हैं. उनका कहना है हम किसान आंदोलन में नहीं जा पा रहे, इसलिए अपनी गाड़ियों में आई लव किसान के स्टीकर लगवा कर यहीं से किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.
पीलीभीत के डीएम और पुलिस अधीक्षक किसानों के साथ मीटिंग कर रहे थे. मीटिंग के दौरान देखने में आया की मीटिंग के बाहर जो गाड़ियां खड़ी हैं उन पर आई लव किसान लिखा हुआ है. आई लव किसान एक गाड़ी में नहीं बल्कि सैकड़ों गाड़ियों में लिखा हुआ है. हमने स्टीकर लगे वाहनों के मालिक से जब इस बारे में बात की और पूछा कि इस तरह के स्टीकर क्यों लगाए जा रहे हैं तो उनका कहना है हम लोग दिल्ली किसान आंदोलन में नहीं जा पा रहे. इसलिए अपनी गाड़ियों में आई लव किसान लिखकर आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं.
किसानों के साथ मीटिंग ले रहे कई अधिकारी
पीलीभीत के पूरनपुर को मिनी पंजाब कहा जाता है. किसान आंदोलन को लेकर किसान कई बार उग्र हो चुके हैं. इसलिए प्रदेश सरकार के कई अधिकारी पूरनपुर में कैम्प किए हुए हैं और किसानों से मीटिंग कर रहे है, और इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा गाड़ियों पर स्टीकर लगे है. पीलीभीत में छोटी कार, बड़ी कार, बाइक सभी पर आई लव किसान लिखा हुआ है. हमने स्टीकर बनाने वाले दुकानदार से बात की तो उसने बताया अब क्षत्रिय, जाटव, ब्राह्मण, यादव इस तरह के स्टीकर लगवाने के लिए लोग नहीं आते हैं. हमारे यहां किसान आंदोलन के समर्थन करने वाले स्टीकर लगवाने की संख्या ज्यादा है. दिन में कम से कम 10 से 15 लोग इस तरह के स्टीकर बनवाने और लगवाने हमारी दुकान पर आते हैं.
चलन में है 'I love किसान' वाले स्टीकर
दुकानदार अमन सिंह ने बताया कि पहले जाति धर्म के स्टीकर लगवाते थे, अब वो बंद हो गए हैं. अब 'I love किसान' वाले स्टीकर लोग अपनी गाड़ियों में लगवा रहे है. ये स्टीकर लगवाकर किसानों का समर्थन कर रहे है. दुकानदार ने बताया कि दिन में 10-15 लोग आ जाते है. वहीं, एक किसान ने बताया कि हम लोग दिल्ली आंदोलन में नहीं जा पाए. इसलिए स्टीकर लगा कर किसान आंदोलन का समर्थन यहां रहकर कर रहे है.
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