गोरखपुर, एबीपी गंगा। नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद से नगर निगम के जन्‍म प्रमाण पत्र पंजीकरण कार्यालय पर बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने की होड़ मच गई है। गोरखपुर के जन्‍म-मृत्‍यु पंजीकरण कार्यालय पर बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक की भीड़ उमड़ रही है। उनका कहना है कि उनके लिए प्रमाण पत्र रखना जरूरी हो गया है। यही वजह है कि वे अब यहां पर जन्‍म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए आए हैं। वहीं यहां तैनात क्‍लर्क बताते हैं कि यहां पर पहले कम आवेदन आ रहे थे, लेकिन अब 150 से 200 आवेदन जन्‍म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आ रहे हैं।


नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद से युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक अपना और परिवार के लोगों का जन्‍म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम के चक्‍कर काट रहे हैं। उनके मन में इस कदर कानून का डर बैठ गया है कि वे चाहते हैं कि उनका जन्‍म प्रमाण पत्र जल्‍द से जल्‍द बन जाए। यही वजह है कि गोरखपुर के नगर निगम स्थित जन्‍म प्रमाण पत्र के कार्यालय पर बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक की होड़ लगी हुई है। पादरी बाजार के रहने वाले मोहम्‍मद शहादत बच्‍चों का जन्‍म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आए हैं। चेहरे के खौफ को छिपाते हुए वे कहते हैं कि हर जगह इसकी जरूरत पड़ती है। हालांकि अभी तक उसकी जरूरत महसूस नहीं हुई थी। लेकिन, सीएए लागू होने के कारण सर्टिफिकेट बनवाने की बात वे धीरे से हामी भरकर कुब‍ूल भी कर लेते हैं।


वहीं अलीनगर की रहने वाली शादिया परवीन भी जन्‍म पंजीयन कार्यालय में बहन का जन्‍म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आईं हैं। उनकी बहन की शादी फरीदाबाद हो चुकी है। अभी तक उन्‍होंने जन्‍म प्रमाण पत्र नहीं बनवाया था। फिर क्‍या वजह है कि उन्‍हें इसकी जरूरत पड़ गई। वे पहले तो चुप रहती हैं। लेकिन, आखिरकार बार-बार सवाल करने पर नागरिकता संसोधन कानून लागू होने के कारण जन्‍म प्रमाणपत्र बनवाने की बात स्‍वीकार कर लेती हैं। सीएए का खौफ इनके चेहरे पर भी साफ देखा जा सकता है।


नगर निगम के जन्‍म-मृत्‍यु पंजीयन कार्यालय पर तैनात क्‍लर्क दीपक कुमार श्रीवास्‍तव बताते हैं कि 10 दिन से भीड़ बढ़ गई है। रोज 150 से अधिक लोग आ रहे हैं। इसमें 70 से 75 प्रतिशत आवेदन मुस्लिम परिवार के लोगों के हैं। उन्‍होंने बताया कि उनके पास 1947 के जन्‍म तक का प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन आया है। उन्‍होंने बताया कि इसके अलावा 1965 और 70 में पैदा हुए लोग भी आवेदन कर रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था।


सीएए का खौफ लोगों के दिल में किस कदर बैठ गया है, इसे जन्‍म-मृत्‍यु पंजीयन कार्यालय पर आए लोगों के चेहरे पर दिख रहे खौफ से आसानी से समझा जा सकता है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे लोगों को जागरूक करें, जिनके दिल में इस तरह का डर है।