गोरखपुर. पूर्वांचल में भारी बारिश के चलते नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गोरखपुर में रोहिन, राप्‍ती, घाघरा के साथ गोर्रा नदी भी उफान पर है. शहर के उत्‍तर में जहां रोहिन उफना रही है. तो वहीं दक्षिण में सरयू और राप्‍ती तबाही मचाने को आतुर दिख रही हैं. गोरखपुर के बड़हलगंज के जगदीशपुर गांव में कटान से दो घर राप्‍ती में विलीन हो गए हैं. शहर से पूरब में बहने वाली गोर्रा नदी की कटान से ग्रामीणों में दहशत है. बांस और मिट्टी भरी बोरियों से कटान को रोकने का असंभव प्रयास किया जा रहा है.


पूर्वांचल में लगातार बारिश होने की वजह से नदियों के किनारे बसे गांव के लोग इस समय दहशत में जी रहे हैं.  गोरखपुर में राप्ती और रोहिन नदी के साथ गोर्रा नदी भी अब अपने किनारे बसे गांव के लोगों में दहशत पैदा कर रही है. चौरीचौरा तहसील के ब्रह्मपुर ब्‍लॉक से होकर राप्‍ती और गोर्रा नदियां बहती हैं. जब मानसून आता है, तो इन नदियों का जलस्‍तर बढ़ जाता है. यही वजह है कि झंगहा इलाके के 52 गांव के ग्रामीण इस समय राप्‍ती और गोर्रा नदी की कटान से भयभीत हैं. बाढ़ की आशंका इनको सताने लगी है.


हालांकि इसी साल फरवरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जयरामकोल गांव के पास 150 मीटर जर्जर बांध की मरम्मत और पिच निर्माण कार्य के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये धन का आवंटन किया था. इस काम को जून से पहले पूरा किया जाना था, लेकिन अब जब मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है और नदियों में पानी उफान मार रहा है. तब जाकर जिला प्रशासन और बाढ़ खंड के अधिकारियों को इसकी सुध आई है. अब यहां पर नदी के किनारे के खेतों से मिट्टी की बोरियां डाल कटान को रोकने का अभियान चलाया जा रहा है. आसपास के रहने वाले ग्रामीण पूरी रात जागकर बांध की रखवाली कर रहे हैं. महिलाएं और बच्चे कटान को देखते हुए काफी डर सहमें नजर आ रहे हैं.


हेल्पलाइन नंबर जारी
जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्‍ता ने बताया कि जो रिपोर्ट मिली है कि उसके हिसाब से घाघरा नदी में वृद्धि दर्ज की गई है. अयोध्‍या पुल पर खतरे के निशान से नीचे है. राप्‍ती और रोहिन में घटाव दर्ज किया गया है. चौरीचौरा में राप्‍ती और गोर्रा का प्रभाव दिखाई देता है. गोर्रा छोटी नदी है, लेकिन निचला बेल्‍ट होने की वजह से नदी प्रभावित करती है, तो पानी काफी दिनों तक बना रहता है. उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की कटान और आपदा राहत के लिए 0551-2201796 पर संपर्क कर सूचनाएं दर्ज करा सकते हैं. 


ये भी पढ़ें:


यूपी: संजय निषाद ने की बड़ी मांग, विधानसभा चुनाव में बीजेपी बनाए डिप्टी सीएम का चेहरा


यूपी के इन 16 जिलों में बाढ़ का खतरा, कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर