बसपा अगले साल होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी. बसपा यूपी में अबतक चार बार सरकार बना चुकी है. इनमें से 3 बार उसने गठबंधन की सरकार बनाई तो एक बार उसने अपने बूते पर सरकार बनाई. आइए नजर डालते हैं पिछले 4 चुनावों में बसपा का प्रदर्शन कैसा रहा है.


उत्तर प्रदेश के बंटबारे के बाद चुनाव


बंटवारे के बाद 2002 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में विधानसभा की सीटों की संख्या 403 रह गई थी. बसपा ने 401 सीटों के लिए चुनाव लड़ा. उसे 98 सीटों पर विजयश्री मिली थी. बसपा को 23.06 फीसद वोट मिले थे. इस चुनाव में किसी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की वजह से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. यह 56 दिन तक लागू रहा. 


बाद में बीजेपी ने समर्थन देकर बसपा की सरकार बनवा दी. मायावती 3 मई 2002 से 29 अगस्त 2003 तक मुख्यमंत्री रहीं. इसके बाद राजनीति ने कुछ ऐसी करवट ली कि बसपा में टूट हो गई. मुलायम सिंह यादव जोड़-तोड़ कर मुख्यमंत्री बने. 


अकेले के बहुमत की सरकार


बसपा ने 2007 के चुनाव के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया. 'तिलक तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार', का नारा देने वाली बसपा ने 'सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय' का नारा दिया. ब्राह्मण वोटों को लुभाने के लिए बसपा ने पूरे प्रदेश में ब्राह्मण एकता सम्मेलन किए. और बड़ी सख्या में ब्राह्मणों को टिकट भी दिए. चुनाव में उसे इसका फायदा भी मिला. बसपा ने 403 सीटों पर चुनाव लड़कर 206 सीटों पर जीत दर्ज की. उसे कुल 30.43 फीसद वोट मिले थे. वहीं बीजेपी को 51 और सपा को 97 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस को 22 सीटें मिली थीं. 


मायावती ने 13 मई 2007 को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वो 7 मार्च 2012 तक इस पद पर रहीं. मुख्यमंत्री के रूप में यह मायावती का चौथा कार्यकाल था. इससे पहले वो 3 जून 1995 से 18 अक्टूबर 1995 तक और 21 मार्च 1997 से 21 सितंबर 1997 तक भी मुख्यमंत्री रह चुकी थीं. 


जनता ने नहीं जताया विश्वास


इसके बाद 2012 में हुए चुनाव में बसपा को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा. यह चुनाव बसपा ने 403 सीटों पर लड़ा था. लेकिन उसे केवल 80 सीटें ही मिलीं. उसपर 25.91 फीसदी मतदाताओं ने अपना विश्वास जताया था. इस चुनाव में कांग्रेस को 28 और बीजेपी को 47 सीटें मिली थीं. इस चुनाव में सपा का नेतृत्व मुलायम सिंह यादव ने किया. सपा ने 401 सीटों पर चुनाव लड़कर 224 सीटें जीत ली थीं. इस चुनाव में ही अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने. 


बसपा की बुरी हालत


माना जा रहा था कि 2017 के चुनाव में बसपा फिर वापसी करेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस चुनाव में बसपा का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा. उसे 22.23 फीसदी वोट और केवल 19 सीटें मिलीं. इस चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 2014 में केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली थी. और बीजेपी की कमान अमित शाह के हाथ में आ चुकी थी. सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लेते हुए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 2017 का चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा. इसका उसे फायदा हुआ. साल 2012 में 47 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 2017 में 312 सीटें जीत लीं. वहीं सपा को 47 और कांग्रेस को केवल 7 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. 


UP Assembly Election 2022: यूपी में बीते चार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का क्या हाल रहा है, जानिए 1996 से लेकर 2017 तक के आंकड़े