मैनपुरी: जब सर्वेश दिवाकर ने अपनी बेटी को नोएडा में एक रिश्तेदार के पास रहने के लिए भेजा था, तो उन्हें भी शायद इस बात का अंदाजा नहीं होगा ये फैसला उनकी मौत का कारण बन जाएगा. उनके पड़ोसियों को लगा कि उन्होंने अपनी बेटी को 'बेच दिया' और रविवार शाम को उनके साथ मारपीट की. वो घंटों तक सड़क पर पड़े रहे, लेकिन कोई उन्हें अस्पताल तक नहीं ले गया.
बेटी के साथ रहते ते दिवाकर
अखिरकार जब पुलिस मौके पर पहुंची चब जाकर दिवाकर को अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, गंभीर रूप से चोटिल दिवाकर ने सोमवार को दम तोड़ दिया. दिवाकर (45) फिरोजाबाद के सिरसागंज के एक हलवाई थे जो अपनी 16 वर्षीय बेटी के साथ किराए के मकान में मैनपुरी में रह रहे थे. उनकी बेटी पढ़ाई जारी रखते हुए इलाके के कुछ घरों में नौकरानी के रूप में काम करती थी.
चार लोगों की हुई पहचान
एसपी अजय कुमार ने कहा कि, "हमने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और एक वीडियो से चार लोगों की पहचान की गई है जिसे एक स्थानीय निवासी ने बनाया है. एक व्यक्ति का अभी तक पता नहीं चला है." शव को ऑटोप्सी के लिए भेज दिया गया है.
पड़ोसी ने उड़ाई अफवाह
दिवाकर हाल के दिनों में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को नोएडा में एक रिश्तेदार के घर भेज दिया ताकि उसकी देखभाल की जा सके. पड़ोस में किसी ने अफवाह उड़ा दिया कि उन्होंने लड़की को 'बेच दिया' है और स्थानीय निवासी उन पर टूट पड़े.
सपा ने किया मदद का एलान
एसपी ने कहा, "हमें रविवार शाम को जानकारी मिली कि उनकी पिटाई की गई है. एक टीम वहां पहुंची और उन्हें सड़क पर पाया. उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन सोमवार को उन्होंने दम तोड़ दिया." समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया है कि वो दलित परिवार को 1 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और राज्य सरकार से मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपए की मांग करेगी.
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