(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
फिरोजाबाद नगर निगम की बड़ी लापरवाही, हादसे को दावत दे रहे हैं खुले मैनहोल
फिरोजाबाद में कोटला चुंगी चौराहे तक ओवर ब्रिज के नीचे कुछ-कुछ दूरी पर 12 सीवर टैंक बने हुए हैं. जिनके ऊपर न तो कोई ढक्कन लगा और न ही जाल. दो दिन पहले इसमें गिरकर एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
फिरोजाबाद, कृष्णा पोरवाल: फिरोजाबाद नगर निगम के मेयर और अधिकारियों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है. उन्हें ये नहीं दिख रहा है कि दो दिन पहले एक व्यक्ति की कोटला चुंगी ओवर ब्रिज के नीचे खुले मैनहोल में गिरकर मौत हो गई थी. अभी तक मैनहोल को बंद नहीं किया गया है. बंद कराने की बात तो दूर अभी तक मौके पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है.
बोध आश्रम चौराहे से लेकर कोटला चुंगी चौराहे तक ओवर ब्रिज के नीचे कुछ-कुछ दूरी पर 12 सीवर टैंक बने हुए हैं. जिनके ऊपर न तो कोई ढक्कन लगा और न ही जाल. दो दिन पहले इसमें गिरकर एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इसके बाद तात्कालिक व्यवस्था तो की गई लेकिन कई मैनहोल आज भी खुले हैं.
नगर निगम इस कदर लापरवाही है कि अभी तक मैनहोल को बंद कराने का काम शुरू नहीं किया गया है. जब एबीपी गंगा की टीम कवरेज करने पहुंची तो तभी एक मैनहोल के बराबर में बनी पुलिया पर चूड़ियों से भरा हुआ ठेला पलट गया, जिससे उसका काफी नुकसान हो गया. वहीं, इतनी देर में किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह का काफिला वहां से निकल रहा था. काफिला भी जाम में फस गया और वो भी अपनी गाड़ी से उतर आए.
किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कहा कि ये नगर निगम की घोर लापरवाही है जो व्यक्ति सीवर के मैनहोल में गिरा है उसकी मौत हुई है. उन्होंने मृतक के परिजनों के एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि मैनहोल खुले पड़े हैं, चूड़ी का ठेला पलट गया उसका नुकसान हुआ है और ये लापरवाही बिल्कुल नहीं चलेगी. जिला अधिकारी को इसको संज्ञान में लेना चाहिए. अगर मुआवजा नहीं मिलता है तो किसान यूनियन आंदोलन के लिए बाध्य होगी.
एक स्थानीय निवासी संजय ने बताया कि पुलिया दो महीने से बन रही है और उसके बराबर में जो मैनहोल हैं वो खुले पड़े हैं. आज चूड़ी का ठेला पलट गया. पहले भी मोटरसाइकिल और तमाम वाहन पलट चुके हैं. नगर निगम कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. एक अन्य शख्स मनोज कुमार ने बताया कि यह कोटला चुंगी चौराहा पर ओवरब्रिज के नीचे सीवर के मैनहोल दो-तीन साल से खुले पड़े इसमें घटनाएं हो चुकी हैं, कोई सुनने को तैयार नहीं है, बहुत परेशानी है.
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