Uttarakhand News: बुरे फंसे मंगलौर से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी, नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर, जानें क्या है मांग?
BSP MLA Sarwat Kareem Ansari: वकील ने बताया कि विधायक पर लगाए गए आरोप के सिलसिले में सबूत पेश नहीं किए गए. उन्होंने हाईकोर्ट से हारे हुए प्रत्याशी की याचिका को खारिज करने की मांग की.
Uttarakhand News: सरवत करीम अंसारी (Sarwat Kareem Ansari) की विधायिकी को नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) में चुनौती दी गई है. याचिका में विधायक सरवत करीम अंसारी का चुनाव निरस्त करने की मांग की गई है. बता दें कि हरिद्वार (Haridwar) में मंगलौर सीट से बसपा के टिकट पर सरवत करीम अंसारी ने चुनाव में जीत दर्ज की थी. हारे हुए प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने याचिका में मौजूदा विधायक पर कई आरोप लगाए हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस आलोक कुमार वर्मा ने अगली तारीख 2 अगस्त निर्धारित की है. मंगलौर विधायक सरवत करीम अंसारी के वकील ने याचिका का विरोध किया है. उन्होंने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की चुनाव निरस्त कराने की मांग का कोई कारण नहीं बनता है.
बसपा विधायक के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर
वकील ने बताया कि विधायक पर लगाए गए आरोप के सिलसिले में सबूत पेश नहीं किए गए. उन्होंने हाईकोर्ट से हारे हुए प्रत्याशी की याचिका को खारिज करने की मांग की. याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि याचिका नियमों के तहत दायर की गई है. इसलिए याचिका निरस्त करने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है. मंगलौर से हार का सामना करनेवाले कांग्रेस प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने आरोप लगाया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जमा कराए गए हलफनामे में सरवत करीम अंसारी ने कई तथ्य छुपाए हैं.
चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप
उन्होंने हलफनामे में संपत्ति का ब्योरा सही नहीं पेश किया है. वर्तमान विधायक ने शपथ पत्र में पत्नी की भी आय गलत दर्शाई है. मोहम्मद काजी निजामुद्दीन ने बताया कि चुनावी हलफनामे में बसपा प्रत्याशी ने इनकम टैक्स का सही आंकड़ा नहीं दिया है. उन्होंने सरवत करीम अंसारी के शैक्षिक प्रमाण पत्र पर भी सवाल उठाए. याचिकाकर्ता ने आगे बताया कि सरवत करीम अंसारी ने सोशल मीडिया पर झूठ फैला कर लोगों को गुमराह किया है. इसलिए चुनाव निरस्त किए जाने की मांग की जाती है. नैनीताल हाईकर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका पर अगली सुनवाई 2 अगस्त को करेगी.