Prayagraj: यूपी में विधानसभा चुनाव का दौर है ऐसे में पिछले करीब सौ दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है. जिससे ग्राहकों ने काफी राहत की सांस ली है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर तेल कंपनियां कब लोगों पर इसी तरह मेहबान रहेंगे. क्या जब 10 मार्च को चुनाव के नतीजे घोषित हो जाएंगे, तब भी ये राहम मिलती रहेगी या फिर एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने लगेंगे. पेट्रोल और डीजल की कीमतें विधानसभा चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन वोटरों को भी यही लगता है कि ये राहत सियासी है और चुनाव ख़त्म होने के बाद उनकी जेब पर एक बार फ़िर से बोझ पड़ना शुरू हो जाएगा.
3 नवंबर से लगा है तेल की कीमतों पर ब्रेक
पिछले डेढ़ सालों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. तेल कंपनियों ने आख़िरी बार 2 नवंबर को तेल के दाम बढ़ाए थे. 3 नवंबर को केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क घटाया था तो वहीं यूपी की योगी सरकार ने वैट कम कर लोगों को दीपावली का तोहफा दिया था. केंद्र और यूपी सरकार द्वारा टैक्स घटाए जाने से सूबे में पेट्रोल और डीजल के दाम तकरीबन बारह रूपये प्रति लीटर तक कम हो गए थे और इससे महंगाई की मार से जूझ रहे लोगों को बड़ी राहत मिली थी. जहां पहले तकरीबन हर दिन इनके दाम बढ़ते रहते थे, लेकिन तब से इस सिलसिले पर ब्रेक लगा हुआ है.
चुनाव की वजह से नहीं बढ़ रहे दाम
यूपी में 2 नवंबर के बाद पिछले 97 दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढे हैं. संगम नगरी प्रयागराज की बात करें तो पेट्रोल 107 रूपये प्रति लीटर से ज़्यादा के दाम पर बिक रहा था, लेकिन अब 95.09 रूपये में बिक रहा है. इसी तरह डीजल 98.78 रूपये प्रति लीटर से घटकर 86. 56 रूपये हो गया है. पेट्रोल और डीजल के दाम तब लगातार बढ़ रहे थे, जबकि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें कम हो रही थीं. बहरहाल दाम कम होने से महंगाई कंट्रोल होती नज़र आने लगी है. कीमतें कम होने को लेकर सियासी पार्टियां अपने नफे नुकसान के मुताबिक़ बयानबाजी कर रही हैं, लेकिन आम उपभोक्ताओं का मानना है कि यह राहत न सिर्फ फौरी और सियासी है. विधानसभा चुनाव के बाद दाम फिर से बढ़ सकते हैं.
सपा-भाजपा का वार-पलटवार
सपा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह का कहना है कि सरकार ने कोरोना काल में भी पेट्रोल और डीजल पर टैक्स बढ़ाकर लोगों की जेब पर डाका डाला और अपना खजाना भरा. इसका जवाब देते हुए बीजेपी नेता डा० शैलेश कुमार पांडेय सरकार का बचाव करते हुए इसे इंटरनेशनल मार्केट से जुड़ा हुआ बता रहे हैं. जबकि प्रयागराज के आम उपभोक्ता तेल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं. इनसे न केवल लोगों को राहत मिलेगी बल्कि महंगाई पर भी काबू पाया जा सकेगा.
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