मथुरा: एडीजी कोर्ट ने पीएफआई के तीनों सदस्यों की जमानत को खारिज कर दिया है. आरोपियों पर हाथरस में विदेशी फंडिंग के जरिए दंगा फैलाने की साजिश करने और राजद्रोह का आरोप है.


आपको बता दें कि, 5 अक्टूबर को दिल्ली से हाथरस जाते वक्त मथुरा जिले के मांट थाना इलाके के यमुना एक्सप्रेसवे से पीएफआई के 4 सदस्य अतीकुर्रहमान पुत्र रौनक अली (मुजफ्फरनगर), मोहम्मद आलम पुत्र लईक (रामपुर), कप्पन सिद्दीकी पुत्र मोहम्मद मल्लपुरम (केरल) और मसूद अहमद पुत्र शकील (बहराइच) को गिरफ्तार किया गया था. जिनके कब्जे से मोबाइल ,भड़काऊ साहित्य और कुछ पंपलेट बरामद हुई थी.


जातीय दंगे फैलाने की साजिश का आरोप


पीएफआई के चारों सदस्यों पर विदेशी फंडिंग के जरिए हाथरस में जातीय दंगा फैलाने की साजिश करने और राजद्रोह का आरोप लगा था. जिसके तहत चारों आरोपियों को जेल भेजा गया था. पहले पूरे मामले की क्राइम ब्रांच जांच कर रही थी, लेकिन सरकार ने इस जांच को एसटीएफ के लिए ट्रांसफर कर दिया था.


पीएफआई के चार सदस्यों में से तीन सदस्य मसूद अहमद, आलम और अतीकुर्रहमान ने मथुरा कोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर पिछले तीन दिनों से लगातार आरोपी पक्ष के अधिवक्ता और अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ताओं के बीच बहस हुई. दोनों ने कोर्ट में अपना अपना पक्ष रखा. आज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश 11, मयूर जैन ने केस की गंभीरता को देखते हुए पीएफआई के तीनों सदस्यों की बेल को खारिज कर दिया.


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