लखनऊः पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के मिलेट्री कमांडर अंसद बदरुद्दीन और बम बनाने के एक्सपर्ट फिरोज खान ने रिमांड के दौरान एसटीएफ को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं. दोनों से पूछताछ में पीएफआई के दिल्ली में शाहीनबाग स्थित कार्यालय के पास गेस्ट हाउस का भी पता चला. जहां रऊफ शरीफ के साथ बैठकें होती थीं.


पीएफआई के गेस्टहाउस का पता चला


इसके बाद गुरुवार को एसटीएफ ने शाहीनबाग स्थित पीएफआई मुख्यालय पर तलाशी अभियान चलाया और कई अहम सुबूत एकत्र किए. मुख्यालय के पास स्थित गेस्टहाउस में भी छानबीन की गई. अंसद ने एसटीएफ को बताया कि वह गेस्टहाउस में पांच साल रह चुका है. देश विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रहने के दौरान वह दिल्ली पुलिस से बचने को केरल भाग जाता था.


एसटीएफ के सूत्रों का कहना है कि शाहीनबाग में पीएफआई का गेस्टहाउस बदरुद्दीन के लिए सेफ हाउस की तरह था. दिल्ली दंगे और सीएए विरोधी प्रदर्शन के बाद भी वह इस गेस्टहाउस में पनाह ले चुका है. इसके समीप ही सीएफआई का भी गेस्टहाउस है. जहां उसकी रऊफ शरीफ से कई बार मुलाकात भी हुई थी.


एसटीएफ कर रही मामले की छानबीन


आशंका जताई जा रही है कि हाथरस कांड के बाद मथुरा से जब पीएफआई के चार सदस्यों को दबोचा गया था तो रऊफ के इशारे पर बदरुद्दीन केरल से दिल्ली आया और पीएफआई के गेस्टहाउस में ठहरा था. रऊफ ने उसे किस मकसद से दिल्ली भेजा था, एसटीएफ इसकी गहनता से पड़ताल कर रही है. उसके साथ बम बनाने के एक्सपर्ट फिरोज को भी दिल्ली भेजा गया था. जिसकी वजह से एसटीएफ उनके मंसूबों के बारे में गंभीरता से छानबीन कर रही है.


ध्यान रहे कि अदालत ने बदरुद्दीन और फिरोज को दो दिन की कस्टडी रिमांड पर एसटीएफ की नोएडा यूनिट के सुपुर्द किया है. दोनों से यूपी में आतंकी वारदातों को अंजाम दिए जाने की साजिश रचने और सीएफआई महासचिव रऊफ शरीफ से संबंधों के बारे में पूछताछ की जा रही है. फिलहाल दोनों को मथुरा जेल में दाखिल कर दिया गया है. एसटीएफ जल्द दोनों को वापस लखनऊ जेल में ला सकती है.


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