लखनऊ: पीएफआई के रऊफ शरीफ के बैंक खातों में खाड़ी देशों से मोटी रकम भेजी गई थी. यह बड़ा खुलासा एसटीएफ की पूछताछ में हुआ है. रऊफ ने एसटीएफ को बताया है कि उसके केरल के 4 बैंक खातों में बीते 2 साल के दौरान 2 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जमा कराई गई थी. इसमें से एक करोड़ रुपए ओमान से भेजे गए थे. एसटीएफ के अधिकारियों का मानना है कि विदेशों से यह रकम यूपी समेत देश के अन्य राज्यों में तबाही मचाने और सांप्रदायिक और जातीय हिंसा फैलाने के मकसद से भेजी गई थी.


रऊफ शरीफ को एसटीएफ ने बीते दिनों मथुरा के माउंट थाने में दर्ज मुकदमे में पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था. 5 दिन तक हुई पूछताछ में एसटीएफ और एटीएस को तमाम ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पीएफआई और उसकी छात्र इकाई सीएफआई के देश में हिंसा फैलाने और विदेशी फंडिंग लेने की पुष्टि हुई है. रऊफ से पूछताछ में उसके 4 बैंक खातों के बारे में भी जानकारी मिली है. यह भी पता चला कि बीते वर्ष दिल्ली में सीएए-एनआरसी के विरोध में हुए धरना-प्रदर्शन और आंदोलन में पीएफआई को विदेशों से फंडिंग की गई थी. रऊफ के बैंक खातों में करीब एक करोड़ रुपए भेजे गए थे. यह रकम ओमान से भेजी गई थी. बाकी रकम देश और विदेश के अलग-अलग खातों से ऑनलाइन ट्रांसफर की गई थी.


एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक विदेशों से भेजी गई रकम देश में अशांति फैलाने हिंसा और तबाही की साजिश रचने व सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के लिए थी. एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि खाड़ी देशों से रकम भेजने वाले कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं लेकिन वो असली नही हैं. विदेशी फंडिंग करने वाले पर्दे के पीछे हैं जिनकी जानकारी ली जा रही है. फिलहाल, एसटीएफ रऊफ के सभी 4 खातों को सीज करने की कार्रवाई की तैयारी कर रही है. इसके साथ ही रऊफ के अन्य बैंक खातों की जानकारी भी जुटाई जा रही है.


रऊफ ने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे


रऊफ ने पूछताछ में यह भी बताया कि विदेशों से अवैध रूप से भेजी गई रकम को वैध बनाने के लिए उसने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे. यहां यह भी बता दें कि रऊफ चार्टर्ड अकाउंटेंसी का कोर्स कर रहा है और उसके पास रुपयों के अवैध व अनैतिक ट्रांजैक्शन को लीगलाइज करने के तमाम तरीके हैं. एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि रऊफ के पास से ऐसे कई फर्जी दस्तावेज मिले हैं जिनसे उसने खाड़ी देशों से भेजी गई रकम को वैध बनाने का प्रयास किया था. सभी दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है.


रऊफ ने यह भी बताया कि पीएफआई में ऐसे युवाओं को शामिल किया जाता है जो कानून के जानकार हों या एलएलबी की पढ़ाई कर रहे हों. इसके पीछे मकसद है यह है कि जब भी पीएफआई का कोई सदस्य पुलिस अथवा अन्य जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़े तो उसे तत्काल कानूनी मदद मुहैया कराई जा सके. पुलिस कस्टडी में वह अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल कर सकें और कोर्ट में अपनी जोरदार पैरवी कर सकें.


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