नोएडा, एबीपी गंगा। परीक्षा में फेल हो जाने से जिंदगी की दौड़ में पीछे छूट जाने का डर छात्रों में ऐसा तनाव पैदा कर रहा है, जिस कारण वे अपनी जान दे रहे हैं। ऐसे ही परीक्षा में फेल हो जाने के फोबिया के चलते नोएडा की एक मेधावी छात्रा ने पंखे से लटककर दो दिन पूर्व अपनी जान दे दी थी। उसकी मौत के बाद अब जो उसका हाई स्कूल रिजल्ट आया है, उसमें वह 70 फीसदी अंकों के साथ पास हुई है।


अंग्रेजी में फेल होने का था डर, लेकिन हासिल किए इतने अंक


जानकारी के मुताबिक, छात्रा को अंग्रेजी के विषय में फेल होने की सबसे ज्यादा आशंका थी, लेकिन इस विषय में फेल होना तो दूर की बात है, उसने 82 फीसदी अंक हासिल किए हैं। परिजनों को इस बात का मलाल है कि वे अपने बेटी के दिल में घर कर गए इस डर को निकाल न पाए। यही कारण है कि आज उनकी मेधावी बेटी उनके बीच नहीं है।



बेटी की मौत पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल 


बेटी की मौत के दो दिन बाद आए हाई स्कूल के उसके रिजल्ट को देखकर उड़ीसा से नोएडा आकर मोरना में रह रहे राऊत परिवार के लोग स्तब्ध हैं। मां तो बिल्कुल पत्थर जैसी हो गई है, बेटी को याद करके उसकी आंखों से आंसू झरने लगते हैं और वह बोलती है कि अब इतने अच्छे रिजल्ट का क्या करें, जिसने उसकी बेटी को ही छीन लिया है। पिता कहते हैं मेरी बेटी बहुत अच्छी थी, हमेशा पढ़ाई में व्यस्त रहती थी। वह बाहर भी ज्यादा नहीं जाती थी, लेकिन हमने उसे पूरी आजादी दी हुई थी। जब वह अंग्रेजी का पेपर देकर आई थी, तभी से वह कह रही थी कि परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर लंबे होने के कारण उसके कुछ प्रश्न छूट गए हैं, जिससे उसे डर है कि कहीं वह फेल ना हो जाए।



छात्रा ने पंखे से लटककर दे दी थी जान 


यही डर शर्मिष्ठा राऊत के जीवन में धीरे- धीरे ऐसा घर कर गया कि सिर्फ फेल होने के डर से उसने पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी। शर्मिष्ठा एक मेधावी छात्रा थी। यह उसके घर पर रखी उसकी ट्राफिया और उसके सर्टिफिकेट बताते हैं। उसे पेंटिंग में भी शौक था और उसने कई अवार्ड जीते थे। लेकिन परीक्षा के फोबिया या भय हम चाहे जो भी कहे उसने इस मेधावी छात्रा की जान ले ली।