नई दिल्ली. विकास दुबे के पांच साथियों के एनकाउंटर में ढेर किये जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सीबीआई जांच की मांग को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है. कथित एनकाउंटर में दुबे की मौत से पहले इसे दायर किया गया था और आशंका जताई गई थी कि कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे का भी एनकाउंटर हो सकता है.


याचिका कर्ता घनश्याम उपाध्याय ने अपनी याचिका में विकास को कानून के अनुसार पर्याप्त सुरक्षा देने को कहा था. याचिका में कहा गया है, कि 'एनकाउंटर के नाम पर पुलिस द्वारा आरोपियों को मारना कानून के शासन और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है और यह देश के तालिबानीकरण से कम नहीं है।' आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह पुलिस ने कानपुर के नजदीक विकास दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया है.


गैंगस्टर को उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था. उसे गुरुवार को महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का कहना है कि दुबे को जिस गाड़ी से लाया जा रहा था वह दुर्घटनाग्रस्त हो गई था. इसके बाद अपराधी ने भागने की कोशिश की और पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया.


आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने जताई थी एनकाउंटर की आशंका
यही नहीं यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने 20 घंटे पहले अपने ट्वीट के जरिये विकास दुबे के एनकाउंटर की आशंका जताई थी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि विकास दूबे का सरेंडर हो गया. हो सकता है कल वह UP पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करे, मारा जाये. इस तरह विकास दूबे चैप्टर क्लोज हो जायेगा, किन्तु मेरी निगाह में असल जरुरत इस कांड से सामने आई UP पुलिस के अन्दर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए उसपर निष्पक्ष/कठोर कार्यवाही करना है.


(अविनाश तिवारी और संतोष कुमार का इनपुट)


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