Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद में 24 नवंबर को सर्वे के दौरान बवाल हो गया था. इस दौरान भड़की हिंसा में कई लोग घायल हो गए थे, जबकि चार लोगों की मौत हो गई. शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिक डाली गई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर इस जनहित याचिका में संभल के जिलाधिकारी, एसपी, एडिशनल एसपी, सीओ, कोतवाली के SHO और PAC कमांडेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किए जाने की मांग है.
PIL में पुलिस पर गंभीर आरोप
इस जनहित याचिका को हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र के सचिव मोहम्मद यूसुफ की ओर से दाखिल की गई है. इस जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान विरोध में आई भीड़ पर एक वर्दीधारी पुलिस वाले ने कहा सब लोग गोली चलाओ.
जनहित याचिका में आगे कहा गया है कि वर्दीधारी पुलिस वाले के कहने के बाद ही पुलिस को अंधाधुंध गोली चलाते हुए देखा गया. इस पुलिस फायरिंग में चार से पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
'संभल हिंसा हादसा नहीं हत्या'
हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन की दायर याचिका में कहा गया है कि ये हादसा नहीं हत्या है. इसलिए दोषी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस जनहित याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होने की संभावना है.
इससे पहले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. वाराणसी के सोशल एक्टिविस्ट डा आनंद प्रकाश तिवारी की जनहित याचिका में मामले की न्यायिक और सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की गई है. इस जनहित याचिका पर भी अगले हफ्ते ही सुनवाई होगी.
ये भी पढ़ें: सपा सांसद नदवी बोले- 'संभल की सरजमीं पर कभी जुल्म को बर्दाश्त नहीं करेंगे, बहुत से हिंदू...'