कोरोना संक्रमण के कारण उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई हुई है. चाराधाम यात्रा पर रोक की वजह से सैलानी अन्य पर्यटक स्थलों का रुख कर रहे हैं. मिनी स्विट्जरलैंड चोपता में भी पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. पर्यटक चोपता के साथ तुंगनाथ और चन्द्रशिला के भी दर्शन कर रहे हैं, लेकिन यहां आने वाले पर्यटक सफाई का कतई ध्यान नहीं रख रहे हैं.


पर्यटक चोपता, तुंगनाथ घूमने के लिए तो आ रहे हैं, लेकिन जहां-तहां कचरा फेंक दे रहे हैं. चारों और कचरे का अंबार लगने से मिनी स्विट्जरलैंड की खूबसूरती पर दाग लग रहे हैं. कचरे के कारण पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है. गंदगी पर जिला प्रशासन के साथ ही पर्यटन विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है.


स्थानीय लोगों ने चलाया स्वच्छता अभियान
अपने इलाके की सफाई का जिम्मा स्थानीय लोग उठा रहे हैं. स्थानीयों ने तुंगनाथ घाटी के चोपता, तुंगनाथ धाम, चन्द्रशिला सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर स्वच्छता अभियान चलाया. इस दौरान दो क्विंटल से ज्यादा प्लास्टिक इकट्ठा कर वन विभाग को सौंपा है. उन्होंने तुंगनाथ घाटी आने वाले सैलानियों से आग्रह किया कि प्लास्टिक धरती की सुन्दरता पर अभिशाप है. इसलिए प्रयोग के बाद प्लास्टिक को सुरक्षित स्थानों पर डालना चाहिए.


क्या बोले अधिकारी?
वहीं जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल ने कहा कि चोपता-तुंगनाथ में साफ-सफाई की व्यवस्था के लिये पर्यटन विकास समिति का गठन किया गया है. जिसकी निगरानी वन विभाग की ओर से भी की जाती है. भविष्य में चोपता की साफ-सफाई पर पर्यटन विकास समिति विशेष नजर रखेगी.


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