अयोध्या, एबीपी गंगा। अयोध्या में राम जन्मभूमि दर्शन के लिए इस समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार आ रही है. राम जन्मभूमि की आधारशिला रखे जाने के बाद से ही श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. राम मंदिर के निर्माण को लेकर श्रद्धालुओं में उत्सुकता है लेकिन राम की नगरी में राम जन्मभूमि दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की जेबों पर डाका पड़ रहा है. इसमें अयोध्या प्रशासन की मौन स्वीकृति भी है.


आपको बता दें कि राम जन्म भूमि दर्शन मार्ग पर दो दर्जन से ज्यादा अमानती घर हैं. सामान जमा करने के नाम पर गाड़ियों को खड़ा करने के नाम पर श्रद्धालुओं से धन उगाही हो रही है. जिसको लेकर कई बार लॉकर संचालकों में आपस में विवाद भी होता है. श्रद्धालुओं की जेब पर डाका डालने का काम अवैध अमानती घर लगातार कर रहे हैं लेकिन प्रशासन और जिम्मेदार आंखें मूंदे है.


आपको बता दें कि राम जन्मभूमि पर सुरक्षा के कारणों से मोबाइल, पेन, कंघा या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सामान ले जाने पर पाबंदी है. लिहाजा रामलला के दर्शन जाने वाले श्रद्धालुओं को यह सामान बाहर रखना होता है. सरकारी तौर पर किसी भी तरह की व्यवस्था श्रद्धालुओं के सामान रखने की नहीं है. लिहाजा अवैध लॉकर संचालकों की बल्ले-बल्ले है. लॉकर संचालक लगातार श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता कर वसूली करते नजर आते हैं. गाड़ियों को खड़ा करने के नाम पर 50 रुपये से ज्यादा का शुल्क वसूला जाता है. एक समान का शुल्क 10 रुपये है. लॉकर संचालकों की मनमानी को अयोध्या जिला प्रशासन अनदेखा कर रहा है. जिसका असर राम जन्मभूमि के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की जेब पर पड़ रहा है.


गोरखपुर से अयोध्या पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि किसी भी तरीके की सरकारी व्यवस्था नहीं दी जा रही है. यहां पर सामान जमा करने के नाम पर 5 से 10 रुपये वसूले जा रहे हैं. श्रद्धालु कहते हैं कि जनता की सुविधा के लिए राम जन्म भूमि दर्शन को आने वालों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. अतिरिक्त पैसा वसूली की शिकायत भी श्रद्धालु करते नजर आ रहे हैं. श्रद्धालुओं में रोष है. उनका कहना है कि मास्क भी 20 रुपये में दिया जा रहा है. वहीं, मोटरसाइकिल पार्किंग के लिए 50 रुपये की वसूली की जा रही है.


उधर, विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने राम जन्मभूमि पर हो रही अवैध वसूली को लेकर रोष प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि हिंदू समाज की आस्था का केंद्र है. मठ-मंदिरों और गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखकर उत्तम सुविधाएं प्रदान की जाती हैं. बालाजी तिरुपति हों, वैष्णो देवी मंदिर हो या फिर उज्जैन महाकाल का मंदिर हो, सभी मठ मंदिरों में श्रद्धालुओं को सुविधाएं दी जाती हैं.


उन्होंने कहा कि अयोध्या में विश्व स्तरीय मंदिर का निर्माण होने जा रहा है. उससे पहले ही स्थानीय अवैध लॉकर संचालकों ने जो स्थिति पैदा की है, वह उचित नहीं है. ट्रस्ट और स्थानीय प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए. शरद कहते हैं कि आने वाले श्रद्धालुओं के साथ किसी भी तरीके की उद्दंडता ना हो और राम जन्म भूमि के ट्रस्ट से यह निवेदन है कि उचित सुविधाएं दी जाएं, जिससे कि श्रद्धालुओं को असुविधा ना हो.


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