Lok Sabha Election 2024: पीलीभीत लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी जितिन प्रसाद की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बीते दिनों नुक्कड़ सभाओं ने पीलीभीत को बम्बई बनाने के बयान को लेकर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए जितिन प्रसाद की मुश्किलें बढ़ा दी है. ऐसे में अब जितिन प्रसाद वरुण और मेनका गांधी की तरह पीलीभीत की जनता से अटूट रिश्ता बनाने की बात कहते हुए पीलीभीत को अब पेरिस बनाने की बात कर रहे है. जिसको लेकर एक बार फिर सियासत गर्म हो चली है. जितिन की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बीते दिनों जितिन प्रसाद के दावे पर कटाक्ष किया था.
दरअसल, मोदी लहर में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से चुनाव हार चुके जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें पीडब्ल्यूडी मंत्री बनाया गया. अब वरुण मेनका की तीन दशक से ज्यादा जुड़ाव वाले सियासी संसदीय क्षेत्र पीलीभीत से उन्हें लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में जितिन प्रसाद अपनी जनसभाओं में जनता से वरुण मेनका की तरह अटूट रिश्ता बनाकर अपने बयानों में पीलीभीत को कभी बम्बई तो कभी पेरिस बनाने की बात कर रहे हैं.
रास्ते में रोड़ा बनी सपा!
बीजेपी ने वरुण गांधी की जगह जितिन प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है, जिनके लिए वरुण गांधी की चुप्पी के साथ-साथ विपक्ष समाजवादी पार्टी रास्ते का रोड़ा बनी हुई है. ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर बीजेपी के तमाम दिग्गज जितिन प्रसाद की साख बचाकर जनता से कमल खिलाने की अपील कर रहे हैं.
वहीं बीजेपी से पहली बार लोकसभा प्रत्याशी के रूप में जितिन प्रसाद के सामने अखिलेश यादव ने वरुण गांधी का पक्ष लेते हुए कहा कि जो किसान और युवाओं के बेरोजगारी की बात करते थे, उनका टिकट काटकर ऐसे नए प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतार दिया है जो पीडब्ल्यूडी मंत्री होने के चलते पूरे यूपी की सड़क गड्ढा मुक्त नहीं कर सके, पीलीभीत को मुंबई कैसे बनाएंगे. हालांकि जितेंद्र प्रसाद की राहें आसान नजर नहीं आ रही है इसीलिए बीजेपी का बड़ा हमला इस सीट पर पूरी ताकत झोंकते हुए नजर आ रहा है.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि ये आरएसएस का बनाया हुआ संगठन हमेशा भारत को भारत बनने की बात न करके पेरिस और बम्बई बनाने की बात कह रहा है. जितिन के सामने ओबीसी वर्ग से आने वाले प्रत्याशी सामने हैं. उनकी भी अपनी प्रतिष्ठा है, धौरहरा और शहाजहांपुर में रिश्ता बना नहीं पाए, रिश्ता महलों से नहीं झोपड़ी वालों से जमीन से बनता है. जितिन प्रसाद घमण्ड में रह रहे हैं, आपको राजनिति में सम्मान करना आना चाहिए.