UP Politics: मां मेनका गांधी से अलग कांग्रेस में कैसे राजनीति करेंगे वरुण गांधी, जानिए वजह?
पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के कांग्रेस (Congress) में जाने की चर्चाओं के साथ उनकी मां मेनका गांधी (Maneka Gandhi) का रुख काफी अहम होगा.
Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के कांग्रेस (Congress) में जाने की अटकलें बीते दिनों से काफी तेज हैं. भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हुआ था. इसके बाद तमाम कयास लगाए गए, लेकिन फिर ये मामला ठंडा पड़ते नजर आ रहा है. हालांकि इन सब कयासों के बीच बीजेपी सांसद की मां मेनका गांधी (Maneka Gandhi) का रुख काफी अहम होगा.
खास बात ये है कि मेनका गांधी साल 2004 में बीजेपी में जुड़ीं, जिसके बाद बेटे वरुण गांधी ने भी बीजेपी का दामन थामा था. लेकिन वरुण गांधी ने साल 2009 में लोकसभा का पहला चुनाव पीलीभीत से लड़ा था. तब से अब तक वरुण गांधी का चुनावी मैदान मां मेनका गांधी की कार्यस्थली रही है. जब 2009 में वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव लड़े तो उससे पहले वहां मेनका गांधी सांसद हुआ करती थीं. लेकिन उसके बाद 2009 में मेनका गांधी को सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया गया था.
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क्या है वजह?
लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती, 2014 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर मां मेनका गांधी की कार्यस्थली वरुण गांधी को मिली. इस बार वरुण गांधी को सुल्तानपुर से चुनाव लड़ाया गया, तब मेनका गांधी को पीलीभीत से बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में भी दोनों ने जीत दर्ज की. जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव एक बार फिर पुरानी कहानी दोहराई गई. तब वरुण गांधी को फिर से पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया गया और मेनका गांधी को सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया गया.
देखा जाए तो बीजेपी के वर्तमान सांसद वरुण गांधी का पूरा राजनीतिक करियर मां मेनका गांधी की कार्यस्थली रही है. इस वजह से वरुण गांधी के बीजेपी छोड़ कर किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने में मां मेनका गांधी का रुख अहम होगा. हालांकि इन तमाम अटकलों के बीच अभी तक बीजेपी सांसद मेनका गांधी पूरी तरह मौन हैं. इसकी खास वजह है कि मेनका गांधी शायद ही किसी और दल का रुख करें.