UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के बीच पीलीभीत (Pilibhit) से बीजेपी (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के बयान ने एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ा दी है. बीजेपी सांसद ने चुनाव में होने वाले बेतहाशा खर्च पर बड़े सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने हिंदी अखबार में एक लेख द्वारा चुनाव में बेतहाशा खर्च का सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि चुनावी चंदे पर नियंत्रण जरूरी है.


वरुण गांधी ने लिखा है, "गरीब लोकतंत्र में ये लोगों को सबसे बड़े उत्सव से दूर करता है. उम्मीदवारों के निजी चंदे पर निर्भरता कम होनी चाहिए. इसके लिए सरकारी फंडींग की दिशा में ठोस और ईमानदार पहल होनी चाहिए." बीजेपी सांसद ने इसे समय की मांग बताते हुए अपनी बात रखी है. सांसद ने अपने इस लेख के जरिए एक बार फिर ऐसा मुद्दा उठा दिया है जो बीजेपी के साथ ही कई पार्टियों को चुभ सकता है. 



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इस आंकड़े का दिया हवाला
सांसद ने चुनाव में होने वाले खर्च पर बेबाक तरीक से खुलकर अपने विचार रखे हैं. इसके लिए उन्होंने एक हिंदी अखबार में चुनाव में होने वाले खर्च पर एक लेख लिखा है. इसके बाद इस अखबार के लेख को उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "चुनावी चंदे पर नियंत्रण जरूरी है. 2009 के आम चुनावों में 2 अरब डॉलर खर्च हुए थे, और 2019 तक यह आँकड़ा 8.5 अरब डॉलर पार कर चुका है."


बीजेपी सांसद ने आगे लिखा, "महँगा होता चुनाव न सिर्फ गरीब को लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव से दूर करता है बल्कि उसकी निष्पक्षता भी प्रभावित करता है. इस विषय पर मेरा लेख पढ़ें." इस आर्टिकल में वरुण गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, "हिंदूस्तान में हर विधायक अपने करियर की शुरूआत झूठे रिटर्न फाइलिंग से करता है. चुनावी खर्च को कम करने के लिए सरकार की ठोस और ईमानदार पहल समय की मांग है."