UP Politics: '15 सालों से मैंने अपनी तनख्वाह नहीं ली, अपने ही पैसे से...' पीलीभीत में बोले सांसद वरुण गांधी
UP News: वरुण गांधी ने कहा कि राजनीति में स्वच्छता और ईमानदारी बहुत जरूरी है. राजनीति इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि हम उन लोगों की आवाज उठाएं जो स्वयं अपनी आवाज नहीं उठा पाते.
Pilibhit News: पीलीभीत (Pilibhit) में एक दिवसीय दौरे पर आए सांसद वरुण गांधी ने पूरनपुर ब्लॉक में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रमों के संबोधन के दौरान कहा कि संविदाकर्मी की नौकरी कोई नौकरी नहीं बल्कि एक गुलामी बन गई है. वह न्याय दिलाने के लिए हर मंच से संविदाकर्मियों की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों के लिए बड़ी-बड़ी बातें की गई थीं लेकिन आशा बहुओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, शिक्षामित्रों और सभी संविदा कर्मियों से मानदेय और स्थायीकरण को लेकर किए गए वादे भुला दिए गए.
वरुण गांधी ने कहा कि राजनीति में स्वच्छता और ईमानदारी बहुत जरूरी है. राजनीति इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि हम उन लोगों की आवाज उठाएं जो स्वयं अपनी आवाज नहीं उठा पाते और वह राजनीति में ऐसे लोगों की आवाज बनने के लिए आए हैं. वरुण गांधी ने कहा कि वह निजीकरण के इसलिए खिलाफ हैं कि जब सब बिक जायेगा तो गरीब के बच्चे कैसे अपना भविष्य बनायेंगे. जीवन आज है कल नहीं रहेगा, बड़ा आदमी वह होता है जिसके साथ कोई अपने आपको छोटा न समझे.
'कितने सांसद है जो अपनी तनख्वाह नहीं लेते'
वरुण गांधी ने कहा कि 15 सालों से मैंने अपनी तनख्वाह नहीं ली है और न ही कोई सरकारी सेवा का लाभ लिया है. इसके साथ ही अपने पैसे से अस्पताल में फ्री दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर, फ्री भोजन सांसद रसोई से उपलब्ध करवाया. कितने सांसद हैं जो अपनी तनख्वाह नहीं लेते, कितने लोग खुले मंच से कह सकते हैं कि मैं ईमानदार हूं, मेरी राजनीति केवल आपके सम्मान और सपने के लिए है.
वरुण गांधी ने कहा कि हमारा देश महान है, इस देश का दिल बहुत बड़ा है. ये धरती सबके काम आई है, बांग्ला देश के काम आई, तिब्बत के लोगो, पाकिस्तान के हिंदुओं के काम आई अफगानिस्तान के सिखों के काम आई है, ये धरती एक मां की तरह है इसीलिए हम कहते है कि मां तुझे सलाम इस मां के जितने बच्चे है सबको उसका अधिकार मिलना चाहिए.
वरुण गांधी के कहानी के जरिए सरकार पर साधा निशाना
वरुण गांधी ने एक राजा और गीत गायक की कहानी सुनाते हुए सरकार पर निशाना साधा. वरुण ने कहा कि एक राजा के पास गीतकार गया, राजा ने कहा आप बढ़िया गा रहे हैं, गायक और अच्छा और बढ़िया सुर-ताल में गाने लगा. राजा ने कहा इन्हें एक लाख अशर्फियां दे दीजिए.
राजा ने कहा कि 5 एकड़ जमीन दान में दे दीजिए और बेहतर गाने लगा तो राजा ने कहा इन्हें हमारे राज पाठ से एक हिस्सा दे दिया जाए. उसने कहा कि राजा साहब अब मेरा गला फट रहा है क्या मैं अपने घर जाऊं? दरिद्र गायक ने अपने घर जाकर पत्नी को खुशी से बताया कि अब हमें सब राज पाठ मिल गया है खुश रहेंगे.
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