Pilibhit Government Hospital: उत्तर प्रदेश सरकार सरकारी अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा प्रसव कराने पर जोर दे रही है, लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि प्रसूताएं अपना दम तोड़ दे रही है. ताजा मामला पीलीभीत सामने आया है, यहां सीएचसी बरखेड़ा पर डिलीवरी के 1 घंटे बाद ही दलित महिला की मौत हो गई. अचानक हुई मौत से कोहराम मच गया. इस मामले में लापरवाही के आरोप के बाद स्टाफ नर्स डॉक्टर सहित तीन स्वास्थ्य कर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं सीएमओ का कहना है कि दोषीकर्मी बख्शे नहीं जाएंगे. दरअसल थाना बरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम आमदार निवासी धर्मेंद्र कुमार अपनी पत्नी राजकुमारी को प्रसव पीड़ा होने पर आज सुबह सीएचसी बरखेड़ा लेकर गया था.
परिजन ने लगाये ये आरोप
वहां प्रसव के दौरान महिला ने 7:18 बजे बेटी को जन्म दिया. उसके बाद प्रसूता की भी हालत बिल्कुल ठीक थी, लेकिन 1 घंटे बाद अचानक से राजकुमारी की हालत बिगड़ने लगी. इस पर अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स राधा सिंह और सुमन ने प्रसूता को एक के बाद एक इंजेक्शन देना शुरू कर दिया, जिससे उसकी हालत और बिगड़ती गई. मरीज के परिजनों ने जब उसकी हालत के बारे में पूछा तो अस्पताल स्टाफ परिजनों को धमका कर मरीज को ठीक होने की बात करते रहे. प्रसूता का पति कहता रहा कि अगर हालत गंभीर हो तो रेफर कर दो, लेकिन स्टाफ लगातार भरोसा देता रहा था कि तबीयत ठीक है. अस्पताल स्टाफ पर आरोप है कि प्रसूता की मौत हो चुकी थी, इस पर जब परिजनों ने हंगामा करना शुरू किया तो स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर लोकेश गंगवार ने मृतकों के परिजनों को धमकाया. आरोप के अनुसार डॉक्टर ने धमकाते हुए कहा कि तुम्हारा मरीज मर गया जाओ हमारा कोई कुछ नहीं कर पाएगा. दोनो के बीच नोंकझोंक और मारपीट होने लगी.
तीन लोगों पर FIR दर्ज
सूचना पर एसडीएम सीओ बीसलपुर फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और मृतिका के परिजनों को समझा बुझाकर उनकी तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की. इसके साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. वहीं अस्पताल के लापरवाही को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ आलोक कुमार भी घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने परिजनों की शिकायत सुनते हुए उन्हें आरोपी डॉक्टर और नर्स पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. वहीं पुलिस ने पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर स्टाफ नर्स राधा सिंह, सुमन और डॉ लोकेश गंगवार के खिलाफ धारा 304 के तहत एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी.
मृतका का पति धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सरकार को सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरखेड़ा में अपनी पत्नी के लिए प्रसव हेतु भर्ती कराया गया था. उन्होंने कहा कि बच्चा होने के बाद दोपहर में उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और उसके बाद एक के बाद एक इंजेक्शन लगाने से मेरी पत्नी की मौत हो गई. मृतका के पति ने जब अपनी पत्नी के स्वास्थ्य के बारे में पूछा तो अस्पताल प्रशासन धमकी देकर लड़ने पर उतारू हो गया. सीएमओ आलोक शर्मा ने बताया कि प्रसव के दौरान महिला की मौत की सूचना मिली है. मामले में गंभीरता से जांच टीम गठित कर आरोपी डॉक्टर और नर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें: UP Politics: सपा नेताओं के विरोध का असर! बेलगाम बयानबाजी पर भड़के शिवपाल यादव, इन्हें दी चेतावनी