पीलीभीत: जिला अधिकारी पुलकित खरे ने आज किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड पूरनपुर पीलीभीत का निरीक्षण किया. इस निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आयी. कुछ खामियां सिस्टम को हिला देने वाली थी. बता दें, किसानों का 30 करोड़ से भी ज्यादा बकाया इस चीनी मिल पर है. बकाया इसलिये है क्योंकि साल 2019 में जो चीनी बनी थी वो अभी तक गोदामों में बंद है.
बता दें, चीनी एक साल के बाद खाने लायक नहीं रह जाती है. चीनी यहां से इसलिये निर्यात नहीं हो पाती क्योंकि चीनी यहां से ले जाने पर महंगी पड़ती है. इसलिये चीनी के खरीदार नहीं है जिस कारण चीनी का स्टॉक लगातार बढ़ रहा है और किसानों का भुगतान भी नहीं हो रहा. जिला अधिकारी पुलकित खरे ने जब गोदाम देखें तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गई. इस मामले में जल्दी कुछ करने को कहा. किसानों को पैसा नहीं मिल रहा लेकिन चीनी मिल फुल स्टाफ के साथ चल रहा है.
जानकारी के मुताबिक, चीनी मिल के सिस्टम ने जिला अधिकारी को हिला दिया. उन्होंने पूरी चीनी मिल का निरीक्षण करने का मन बना लिया और सबसे पहले सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से मिले. उनसे उनके काम के बारे में पूछा तो ज्यादातर अधिकारी अपना काम नहीं बता पाए. कुछ लोग तो ऐसे भी मिले जिनको चीनी मिल प्रशासन ने बिना किसी लिखा पढ़ी का लगा रखा था.
चीनी मिल में काम कर रहे कर्मियों को पता ही नहीं करना क्या है
जब कि कुछ लोग तो ऐसे मिले जिनका चीनी मिल में कोई काम ही नहीं. मस्टरोल पर एंट्री करा कर नोकरी कर रहे है. जिला अधिकारी का जब दिमाग और ठनका कि बंद चीनी मिल में पर्मानेंट के अलावा लोग क्यों काम कर रहे हैं जबकि कुछ काम भी नहीं है और जो लोग है वो कुछ काम भी नहीं बता पा रहे है.
जिला अधिकारी ने असीम मिश्र की लगाई लताड़
मौके पर चीनी मिल प्रधान प्रबंधक असीम मिश्र को लताड़ लागते हुए कहा आज मैं इसी चीनी मिल में रुकूंगा. जब तक ये नहीं बताओगे की कितना लोग काम कर रहे हैं क्यों कर रहे हैं साथ ही क्या काम कर रहे हैं? इतना ही नहीं बीते 3 महीने में किसने कितना काम किया और कितना पैसा किस मद में निकला.
जिला अधिकारी ने फाइल 18 में बताया कि सरकारी चीनी मिल का हमने निरीक्षण किया. जो कर्मी यहां पर लगे हैं उनके समीक्षा की जा रही है. कितने कार्मिक, दैनिक,सरकारी हैं कैसे लगे हैं किस का क्या कार्य है यह सब मैं देख रहा हूं. किन कार्मिकों को हटाने की जरूरत है यह सब देखा जाएगा. वहीं, पूरी चीनी मिल मैं साफ सफाई की जरूरत है. उनको 15 दिन का समय दिया गया है. 30 करोड़ के आसपास किसान भाइयों का बकाया है इसकी भी समीक्षा की जाएगी. अभी चीनी भी स्टॉक में है. यहां पुरानी चीनी भी मिली है जो ट्रांसपोर्ट की वजह से चीनी यहां से नहीं उठ पा रही है हम इसकी समीक्षा करेंगे.
चीनी मिल का निरीक्षण
जिला अधिकारी चिनिमिल के प्रशासनिक भवन और गन्ना विभाग के भवन के बाद चीनी मिल का निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया पूरी चीनी मिल जंगल के अंदर है. चीनी मिल का साफ-सफाई को लेकर और उसके रखरखाव को लेकर कोई भी काम नहीं किया गया. उन्होंने मौके पर प्रधान प्रबंधक असीम मिश्र को बुलाकर फटकार लगाई कि चीनी मिल के जंगल के अंदर है. चीनी मिल पूरी तरह से खंडहर में तबदील दिख रही थी.
चीनी मिल का सिस्टम
किसानों को पैसा मिले न मिले चीनी बिके या न बिके चीनी मिल चले या न चले. मजदूरों को पैसे मिले न मिले लेकिन चीनी मिल और गन्ना विभाग के अधिकारी व कर्मचारी फुल मौज में है. सरकारी पैसे का इस्तेमाल जा रहा है. जिला अधिकारी पुलकित खरे के निरीक्षण ने आज सरकारी चिनिमिल की बदहाली की पोल खोल दी.
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