Pilibhit News: पीलीभीत (Pilibhit) में एक बुजुर्ग महिला बीते छह साल से दस्तावेजों में खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है. समाज कल्याण विभाग की बड़ी लापरवाही के चलते पीड़िता की वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) पर रोक लगा दी गई है और उसे मृत घोषित कर खाता सीज करवा दिया गया है. अब मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तो पीड़िता को इंसाफ दिलाने का किया गया है.
यह घटना थाना पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित लकुटिया गांव की है. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में सरकारी विभाग की लापरवाही का नतीजा एक वृद्ध महिला कई साल से भुगत रही है और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट कर स्वयं बता रहे हैं कि 'मैं अभी जिंदा हूं.' लकुटिया की 67 बर्षीय वृद्धा सरस्वती देवी का आरोप है कि 2017 में समाज कल्याण विभाग द्वारा सत्यापन के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. उन्हें दिया जाने वाला पेंशन लाभ बंद कर दिया और मृतकों की सूची में उनका नाम दर्ज करा कर उनका खाता सीज कर दिया गया. पीड़िता लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटकर अपने जिंदा होने का सबूत दे रही है.
विभाग के अधिकारी ने न्याय दिलाने का किया वादा
मामला उच्च अधिकारी के संज्ञान में आने पर अब अफसर नींद से जागे और समाज कल्याण अधिकारी ने सफाई देते हुए वृद्धा को उसकी पेंशन दिलाने सहित कागजों में जीवित करने का वादा किया है. साथ ही लापरवाही बरतने वाले विभाग के कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कही है. पीड़िता ने बताया, 'दफ्तरों के चक्कर काटते-काटते मैं थक चुकी हूं. मेरा खाता खुलवाया जाए ताकि मेरी जमीन के गन्ने का भुगतान मिल सके. खाता बंद होने से गन्ने का भुगतान भी नहीं मिल पा रहा और ना ही कोई लेन-देन हो पा रहा है.' मामले में समाज कल्याण अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि पूरनपुर ब्लाक के गांव लखोटिया का मामला संज्ञान में आया है. करीब छह वर्षों से विभाग के चक्कर काट रही थी. मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.'
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