UP News: पीलीभीत में औषधि विभाग भले ही बिना दस्तावेजों के संचालित मेडिकल स्टोर्स पर कड़ी कार्रवाई कर लाखों की दवाओं को जब्त करने की कार्रवाई का दावा पेश कर रहा हो. लेकिन जिला नेपाल बॉर्डर से सटे होने के कारण जनपद में नारकोटिक्स और नशीली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने में नाकाम साबित होता नजर आ रहा है. पूरे मामले को लेकर विभाग की अफसर जाँच कर कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रही है.
पीलीभीत में औषधि विभाग की टीम भले ही बिना दस्तावेजों के संचालित हो रहे, मेडिकल स्टोर्स पर दवाओं के सैंपल भरकर कार्रवाई का दावा पेश कर रही है. लेकिन जनपद में नेपाल बॉर्डर की सीमा से सटे होने के कारण मेडिकल स्टोर्स पर खुलेआम नशीली दवाओं और नारकोटिक्स की बिक्री हो रही है. जिसकी वानगी जगह जगह से वायरल हो रही तस्वीरों को आप देखकर समझ सकते हैं किस तरह से हर युवा वर्ग के लोग नारकोटिक्स व नशीली दवाओं इंजेक्शन का सेवन कर अपने भविष्य को खतरे में डाल रहे है.
क्या बोले निरीक्षक?
पूरे मामले की जब जानकारी संबंधित विभाग के औषधि निरीक्षक से ली गई तो उन्होंने जिले में लगातार छापेमारी कर नशीली दवाओं की बिक्री करने वालों के खिलाफ छापामार कार्रवाई की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. लेकिन तस्वीरों से साफ है कि सरकार की मंशा जहां एक और नशाखोरी पर लगाम लगाने की बात कर रही है, जिसको लेकर बीते दिनों बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा के द्वारा जनपद का दौरा कर विभाग को दिशा निर्देश भी दिए गए. लेकिन उसके बावजूद भी औषधि विभाग सजग होता नजर नहीं आ रहा है.
औषधि निरीक्षक नेहा वैश्य ने बताया कि नशे से रिलेटेड हमारे पास शासन से आदेश आए न आए लेकिन हम लगातार जनपद के मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी करते हैं. हर माह 15 से 16 निरिक्षण करते हैं. अगर हमें नशे से सम्बंधित कोई सूचना मिलती है तो तत्काल हम टीम के साथ जाकर सैंपलीग की कार्रवाई करते हैं.