UP News: पीलीभीत (Pilibhit) के लालपुर गांव में नई परंपरा का विरोध करना एक परिवार को महंगा पड़ गया. दरअसल, तेरहवीं संस्कार में ब्राह्मण भोज के साथ ग्रामीणों को भोजन न करवाना एक परिवार को महंगा पड़ गया. गांव के लोगों ने परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव की रीति रिवाज के अनुसार गांव में करीव 100 वर्षों से तेरहवीं पर ब्राह्मण पंडितों का भोजन कराया जाता है. 


उन्होंने बताया कि उसके बाद 14 दिन पूरे गांव को भोजन कराते हैं. लेकिन कुछ लोगों ने इस परंपरा का विरोध कर ब्राह्मणों के साथ ही बैठ कर भोज करने की प्रथा शुरू कर दी है. जिसका विरोध करने पर मुझे समाज से बहिष्कार कर दिया है. जिसकी शिकायत जिलाधिकारी से कर न्याय की गुहार लगाई गई है.


क्या है बोले पीड़ित
थाना माधोटांडा क्षेत्र स्थित गांव मठिया लालपुर के निवासी रवि वाइन का आरोप है कि गांव में उनके परिवार में किसी की मृत्यु के बाद तेरहवीं भोज के दौरान उन्होंने ब्राह्मणों का भोज किया था. जिसमें ग्रामीणों को नहीं बुलाया गया. गांव की परंपरा है कि तेरहवी के दिन ब्राह्मणों का भोज कराने के बाद 14वें दिन ही पूरे गांव समाज का भोजन कराया जाएगा. लेकिन ग्रामीणों ने नई परंपरा डालकर तेरहवीं के दिन ही ब्राह्मण पंडितों के साथ गांव के लोगों का भी भोजन करने की प्रथा शुरू करने की जिद की. जो ना मानने को लेकर गांव वालों ने रवि वाइन सहित चार परिवारों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया. अब जिले के अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर न्याय की मांग कर रहे हैं.


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जिलाधिकारी को लिखा पत्र
रवि बाइन का आरोप है कि उनके गांव में नई परंपराओं को जबरदस्ती चलाया जा रहा है. जिसके चलते तेरहवी भोज में ब्राह्मणों के अलावा गांव के लोगों को भी साथ भोजन कराने की जबरदस्ती की जा रही है. साथ ही जो नव दंपत्ति लव मैरिज करते हैं उनसे 21000 रूपए की वसूली करके उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता है. आखिरकार स्वतंत्र देश में कुरीतियों का यह परंपरा अभी भी क्यों जारी है. जिसको लेकर रवि वाइन ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग की है.


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