Lok Sabha Election 2024: पीलीभीत में लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है, पहले चरण में यहां वोटिंग होनी है जिसको लेकर 20 मार्च से चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, लेकिन पीलीभीत जिला प्रशासन के सामने एक बहुत बड़ी चिंता भी सता रही है. जिले में 42 से 50 बूथ जो बाघों के आतंक से प्रभावित है उनपर मतदान सम्पन्न करवाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
लोकसभा चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद पीलीभीत जिला प्रशासन बेहतर और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए बात कह रहा है. वहीं उसकी चिंता पीलीभीत के टाइगरों ने बढ़ा दी है यहां पर बाघों के आतंक से प्रभावित यह सारे गांव बरखेड़ा विधानसभा पूरनपुर में विधानसभा सदर विधानसभा में पड़ते हैं. जिले में 10 से 12 बाघ ऐसे है जो जंगल से निकलकर आवादी के आसपास डेरा जमाए है.
मतदाताओं को सता रहा बाघों का खौफ
इन बाघों का आतंक बरखेड़ा विधानसभा के हरकिशनपुर, मानपुर चौडा खेड़ा रामपुरिया गांव है तो वही पूरनपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले गांव डगा, मथना,रानीगंज, मैंनाकोट, नजीरगंज निजामपुर हैं तो ऐसे दर्जनों गांव सदर विधानसभा क्षेत्र में भी पड़ते हैं जहां पर लगातार बाग की मूवमेंट देखी जा रही है जिसके चलते ही यहां पर चुनावों को बेहतर तरीके से कराना जिला प्रशासन के लिए कोई बड़ी चुनौती से काम नहीं है.
बाघों के खौफ के चलते वहां के लोग चुनावी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अपनी हामी भरने को तैयार नहीं है. मतदाताओं के साफ कहना है जबतक सरकार बाघों के आतंक से निजात नही दिलवाती तब तक जान जोखिम में डाल कर मतदान नही करने जाएगें.ग्रामीणों का यहां तक कहना है कि जब वह लोग अपनी फसलों को देखने खेत पर नही जा पा रहे है तो मतदान बूथ पर क्या जाएगें
वही इस बाबत जब पीलीभीत के जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रदेश चुनाव आयोग और लखनऊ में बैठे वन विभाग के आला अधिकारियों से लगातार वह संपर्क में है जहां-जहां पर टाइगर का खतरा महसूस होगा वहां पर इसको पकड़ने के लिए वन विभाग की टीमों को लगाया जाएगा ट्रेंकुलाइज करने के लिए डॉक्टर लगाए जाएंगे वही टाइगर को पकड़ने के लिए पिंजडों का भी इस्तेमाल किया जाएगा
इन इलाकों में बाघों का मूवमेंट
आपको बताते चले कि पीलीभीत की पीलीभीत सदर विधानसभा बरखेड़ा विधानसभा व पूरनपुर विधानसभा में तकरीबन 700 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमें से 42 से 50 ऐसे मतदान केंद्र जिनके आसपास टाइगर की मूवमेंट देखने को लगातार मिलती है इसीलिए पीलीभीत का जिला प्रशासन इन मतदान केंद्रों को लेकर पशो पेश में है क्योंकि मतदान केंद्र पर किसी भी तरीके से अशांति फैलाने वाले व्यक्तियों से तो निपटा जा सकता है मगर जानवरों से कैसे निपटा जाए यह एक बहुत बड़ी बात है.
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