Pilibhit News: पीलीभीत के पूरनपुर नगर पालिका चेयरमैन शैलेन्द्र गुप्ता के गुर्गों ने आफिस के भीतर दलित सफाई कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट हुई. कई घंटे तक हुए हंगामे के बाद मौके पर पहुंचे सीओ एसडीएम ने घायलों को जिला अस्पताल भर्ती कराया, जहां उनका इलाज जारी है. वहीं दोनों पक्षों को थाने हिरासत में लेकर पूछताछ कर पुलिस मामले की कार्रवाई में जुटी है.
पूरे वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस के सामने जमकर खींचतान लात घुसे चल रहे है. वहीं कुछ देर बाद हंगामा महाभारत में तब्दील हो गया. पुलिस खड़ी रही आखिर में बबाल बढ़ता देख मारपीट में चेयर मैन के गुर्गों ने धारदार हथियार व लाठी डंडे चलाना शुरू किया तो सामने सफाई कर्मियों के गम्भीर चोटे भी आ गई .उसके बाद सफाई कर्मियों की ओर से मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई. सूचना मिलते ही एसडीएम, सीओ सहित भारी पुलिस फोर्स के साथ चेयरमैन के दफ्तर पहुच गए.
सफाईकर्मियों के साथ हुई मारपीट
बीते दिनों चेयरमैन द्वारा दो संविदा कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया था. जिससे परेशान होकर सभी सफाईकर्मी अपने साथियों को उन्हें पुनः नौकरी पर रखने की बात करते हुए सफाई कर्मी के साथ किये गए व्यवहार को लेकर नाराज थे. लेकिन चेयरमैन उन निकाले गए सफाईकर्मियों को नौकरी पर रखने के तैयार नहीं थे. इस पर सफाईकर्मियों द्वारा आज जब चेयरमैन के दफ्तर पहुच कर मांग की गई तो पहले से ही चेयर मैन के यहां कुछ गुर्गों ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मारपीट करना शुरू कर दी.
सफाई कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर अड़े
घटना स्थल पर चल रही महाभारत को शांत करवाते हुए दोनों पक्षों से घायल हुए आधा दर्जन लोगों को सीएचसी अस्पताल इलाज के लिए भिजवाया गया. साथ ही घटना को लेकर चेयरमैन के कुछ गुर्गों सहित सफ़ाई कर्मियों को हिरासत में लेकर थाने ले गए. घटना से जुड़ी जानकारी पुलिस को पहले से ही थी, जिसको लेकर अब भाजपा चेयरमैन, जिला पंचायत अध्यक्ष पति गुरभाग सिंह मौके पर पहुच कर समझौते के प्रयास में जुटे है. वहीं सफाई कर्मचारी अपनी 9 सूत्रीय मांगो को पूरा करने की मांग पर अड़े है.
घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
वहीं ये मारपीट महाभारत में तब्दील हो गई. गनीमत रही कि सूचना मिलते ही मौके पर एसडीएम, सीओ पहुच गए और घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया है. मामले में दोनों पक्ष थाने में मौजूद समझौते का प्रयास में जुटे है वहीं चेयरमैन शैलेन्द्र गुप्ता भी अपने द्वारा जारी किए गए तानाशाही फरमान आदेश को वापस लेकर जिम्मेदार भाजपाई वरिष्ठ नेताओं के साथ पंचायत करने में जुटे है.लेकिन अब तक समझौता हो नही सका है.
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