UP News: पीलीभीत पहुंचे गन्ना विकास एवं चीनी मिल कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने किसान संवाद कार्यक्रम के दौरान किसानों के बकाया गन्ना भुगतान को लेकर जिलाधिकारी पुलकित खरे को जुलाई तक मिलों पर करीब 360 करोड़ का गन्ना भुगतान कराए जाने के आदेश दिए हैं. वही किसानों की समस्याओं का निराकरण करने के साथ-साथ किसानों का उत्पीड़न करने वाले गन्ना माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी जारी किए गए हैं.


मंत्री ने चीनी मिलों पर केस दर्ज करने के दिए आदेश


दरअसल  गन्ना एवं विकास चीनी मिल राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार के गृह जनपद पीलीभीत पहुंचे थे. उन्हीं के विभाग के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने किसानों से संवाद कार्यक्रम में उनकी समस्याएं सुनी. किसान संवाद कार्यक्रम के दौरान पीलीभीत में गन्ना किसानो के करीब 350. 88 करोड़ बकाया को लेकर मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने डीएम को जुलाई के अंतिम माह तक किसानों के करोड़ों के गन्ना भुगतान को कराए जाने के निर्देश देते हुए लापरवाही बरतने वाली चीनी मिलों पर सीधे एफआईआर के आदेश दिए हैं.


 कई मिलों पर गन्ना भुगतान बकाया है


आपको बता दें जनपद में बरखेड़ा में स्थित बजाज चीनी मिल पर 241. 45 करोड का गन्ना भुगतान बकाया है. वहीं बीसलपुर सहकारी चीनी मिल पर 45.33 करोड़ का गन्ना भुगतान बकाया है. पूरनपुर की सहकारी चीनी मिल पर 31. 93 करोड चीनी मिल का भुगतान बकाया है जिसको लेकर गन्ना कैबिनेट मंत्री  ने जुलाई तक भुगतान के आदेश दिए हैं.




पीलीभीत के गुरजीत सिंह को सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादन के लिए सम्मानित किया गया


राम संवाद कार्यक्रम के दौरान पीलीभीत के गुरजीत सिंह को 2562 कुंतल प्रति हेक्टेयर सर्वाधिक गन्ना उत्पादन को लेकर उन्हें सम्मानित भी किया साथ ही किसानों से मिले सुझाव को लेकर के मंत्री ने डीएम से कम रखने वाले किसानों को सब्सिडी की मांग को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव भेजने के आदेश दिए हैं।




पूर्व राज्य मंत्री रहे हेमराज वर्मा ने साधा निशाना


वहीसमाजवादी पार्टी सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे हेमराज वर्मा ने किसानों के मुद्दे को लेकर कहा कि यहां गन्ना एवं विकास चीनी मिल राज्य मंत्री का गृह जनपद है. इस जिले में ही किसानों के गन्ना भुगतान का 368 करोड़ों रुपया बकाया है. उनको गन्ने का भुगतान नहीं मिल रहा है. किसान परेशान है और  खाद बीज सहित तमाम ऐसी समस्याएं हैं जिनसे किसान लगातार जूझ रहा है. चुनाव के समय किसान सम्मान निधि से लेकर फ्री राशन की व्यवस्था दी जाती है और उसके बाद चुनाव खत्म तो किसानों का सम्मान खत्म. किसानों की हकीकत क्या है यह किसान बेहतर जानते हैं. जमीनी हकीकत में किसानों का हाल बेहाल है. कम रकवे वाले किसानों के सामने एक बड़ी चुनौती है और दूसरा सरकार से गन्ना भुगतान मूल्य का हक किसानों को ना मिल पाना इससे बड़ी बात किसानों के लिए क्या हो सकती है. 


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