Pilibhit News: जेल तक पहुंचा साइबर फ्रॉड! कैदियों के बारे में गलत सूचना देकर वकीलों और परिजनों से खून के नाम पर की ठगी, अब...
Pilibhit Cyber Crime: पीलीभीत (Pilibhit) में साइबर ठगों ने जेल में बंद बंदियो के वकील को बंदियों के चोट लगने की झूठी सूचना देखर ब्लड के नाम पर फोन कर ठगी कर ली है.
Pilibhit News: पीलीभीत (Pilibhit) में साइबर ठगों के निशाने पर जिला जेल में बंद कैदियों के वकील और उनके परिवार हैं. कारागार से बंदियों का डेटा चोरी कर साइबर ठगों ने जेल में बंद बंदियो के वकील को बंदियों के चोट लगने की झूठी सूचना देखर ब्लड के नाम पर फोन कर ठगी कर ली है. फोन पर वो खुद को जेल का कर्मचारी बताते है. जेल में बंद कैदियों के वकीलों को बंदी रक्षक बनकर फोन करके वकीलों से साइबर ठगी की जा रही है.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला जैसे ही पीलीभीत पुलिस अधीक्षक दिनेश पी के संज्ञान में आया तो एहतियातन उन्होंने लोगों को अलर्ट कर जांच शुरू कर दी है. सबसे बड़ी बात यह है कि साइबर ठगों को कैसे मालूम है कि जेल में बंद कैदियों का वकील कौन है और उनको कैदियों के वकीलों का नंबर कैसे मिला. पुलिस अधीक्षक का कहना है कहीं ना कहीं डेटा लीक हो रहा है.
ठगी का शिकार हुए पीलीभीत के वरिष्ठ अधिवक्ता अंशुल गौरव सिंह का कहना है कि उनके पास बीते 29 सितंबर को जेल से बंदी रक्षक बनकर राजीव सैनी का फोन आया उसने कहा आपका एक बंदी पीलीभीत जिला कारागार में बंद है. वह जेल में फिसल कर गिर गया है जिससे उसका गंभीर चोट आई है. चोट लगने से काफी खून बह गया है, बाकी सब इंतजाम हो गया है,बस ब्लड की जरूरत है. ब्लड बैंक से खून के लिए 3420 रुपए की जरूरत है आप रुपये भेज दे या उसके घर सूचना दे दें.
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कई वकीलों को बनाया गया ठगी का शिकार
पूरी बात सुनकर अधिवक्ता अंशुल गौरव सिंह ने फौरन ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर दिए और बंदी के परिवार वालों को भी जानकारी दी. बाद में वकील साहब ने अपने क्लाइंट का हाल चाल लेने के लिये जेल में फोन किया तो पता चला कि उनके साथ ठगी हो गई है. जिस नम्बर से फोन आया और जिस मोबाइल नम्बर पर पैसे ट्रांसफर किए वो दोनो नम्बर बन्द जा रहे है. जब ये चर्चा का विषय बना तो पता लगा कि वो अकेले इस ठगी का शिकार नही हुए, अन्य अधिवक्ता साथियों के पास बीते कुछ दिनों से इस तरह के फोन आ रहे हैं.
फिलहाल जैसे ही ये जानकारी पुलिस अधीक्षक को हुई तो उन्होंने लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा और साथ ही इस मामले को साइबर सेल के हवाले कर दिया. पुलिस अधीक्षिक दिनेश पी ने बताया कि यहां एक नए तरीके का साइबर क्राइम साइबर ठग द्वारा किया जा रहा है. कारागार का डेटा लीक हो रहा है और साइबर ठग वकीलों को फोन करके कहते है कि आपके मुवक्किल को चोट लग गई है और उसको ब्लड की जरूरत है. मेरे खाते में पैसे ट्रांसफर कर दीजिए और पैसा ट्रांसफर कर लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. मेरे द्वारा साइबर सेल को अलर्ट कर दिया गया है और साइबर ठगों की तलाश की जा रही है.
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