Pilibhit News: पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित लग्गा बग्गा क्षेत्र में नेपाल बॉर्डर से सटे सेंचुरी से हर बार गेंडेआकर काफी समय तक रुकते हैं जिसको लेकर गैंडे भी पीलीभीत टाइगर रिजर्व में घूमने आए सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते ही नजर आएंगे. जिसको लेकर वन विभाग ने गैंडे के विचरण करने वाले स्थान लग्गा बग्गा को सुधारने के लिए प्रयास शुरू कर दिए.


क्या है पूरा मामला? 
पूरे मामले को लेकर डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताया कि नेपाल बॉर्डर शुक्ला फांटा पार्क से सटे होने के कारण पीलीभीत टाइगर रिजर्व के लग्गा बग्गा क्षेत्र में राइनो गैंडे अक्सर यहां आकर ठहरते है, जिसको लेकर वन विभाग उनके क्षेत्र को और विकसित करने की कार्रवाई में जुटा है ताकि गैंडे भी यहां सैलानियों के लिए नजर आ सकें. यूं तो अक्सर नेपाल बॉर्डर से सटे इस क्षेत्र में बाघों के विचरण की तस्वीरें नजर आती थी, लेकिन अब नेपाल बॉर्डर की शुक्ला फंडा सेंचुरी से गेंडे भी यहां पर विचरण करने पहुंच रहे हैं जिसको लेकर वन विभाग ने झंडू के संरक्षण हेतु इस स्थान पर बेहतर सुधार कर क्षेत्रफल को बढ़ाए जाने की योजना शुरू कर दी है. 


सैलानियों के लिए होगा आकर्षण का केंद्र 
अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व में आने वाले सैलानियों के लिए इस स्थान पर गैंडों के भी दीदार हो सकेंगे. यूं तो नेपाल बॉर्डर से सटे होने के कारण पीलीभीत टाइगर रिजर्व के इस स्थान पर गैंडे विचरण करने आते है, जिनके लंबे समय ठहरने को लेकर वन विभाग व्यवस्थाओं में जुट गया है. डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व तराई क्षेत्र में पड़ता है और तराई की एक आईकॉनिक स्पीशीज है.  वन हॉर्न राइनो नेपाल के शुक्लाफांटा नेशनल पार्क में पाया जाता है, क्योंकि पीलीभीत टाइगर रिजर्व का लग्गा बग्गा क्षेत्र शुक्लाफांटा नेशनल पार्क से बिल्कुल सटा हुआ है और लगभग लैंड सिमिलर है तो राइनो का मूवमेंट यहां पर भी होता है. यहां पर भी काफी टाइम स्पेंड करते हैं.


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