Pilibhit News: पीलीभीत में अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाघ और तेंदुए रिहायशी इलाकों में डेरा नहीं जमा सकेंगे. क्योंकि सरकार से प्रस्तावित रेस्क्यू सेंटर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो पीलीभीत के गोपालपुर के जंगल मे बनाया जा रहा है. 73000 हेक्टेयर में फैला पीलीभीत टाइगर रिजर्व अन्य टाइगर रिजर्व की तुलना में कई मायनों में बेहतर माना जाता है. ऐसे में बाघ समेत अन्य वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि लगातार हो रही है. जिसको लेकर अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए शासन ने रेस्क्यू सेंटर देने का काम किया है.
अन्य जिलों के वन्यजीवों को भी किया जाएगा रेस्क्यू
पड़ोसी देश नेपाल और उत्तराखंड के अलावा अन्य जिलों के भी वन्यजीवों को यहां रेस्क्यू किया जाएगा और रेस्क्यू सेंटर में वन्य जीवों को रख कर संरक्षण किया जाएगा. जून में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई स्टेट बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ की बैठक में चार रेस्क्यू सेंटर का शिलान्यास किया गया. जिसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व को भी एक रेसिपी सेंटर मिला है. जल्द ही रेस्क्यू सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा. टाइगर रिजर्व और आसपास के जिले के वन्यजीवों को संरक्षित कर इस रेस्क्यू सेंटर में रखा जाएगा. जिसके साथ आसपास जिलों में मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर भी रोक लगेगी.
एक्सपर्ट टीम की निगरानी में रखे जाएंगे वन्यजीव
इस रेस्क्यू सेंटर के लिए एक्सपर्ट डॉक्टर की टीम सहित डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम वन विभाग की टीम भी लगातार प्रयासरत रहेगी.साथ ही वन्यजीवों की देख रेख भी ठीक ढंग से हो सकेगी. टाइगर रेस्क्यू सेंटर बनाए जाने से आसपास के क्षेत्रों में रेस्क्यू कर लाए गए बाघ और तेंदुए पीलीभीत से दुधवा लखनऊ और कानपुर के चिड़ियाघरों में नहीं भेजा जाएगा. उनकी देख-रेख कर उनको यही रेस्क्यू सेंटर में एक्सपर्ट टीम की निगरानी में रखा जाएगा.
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