Pilibhit News: पीलीभीत के इस सरकारी स्कूल में होती है लीक से हटकर पढ़ाई, टीचर्स ने तैयार किया सिलेबस
2015 में फिरोजाबाद निवासी मनीष पाठक बतौर सहायक अध्यापक पद पर तैनात हुए थे. उन्होंने 5 वर्षों के भीतर प्राथमिक स्कूल चोखापुरी की तस्वीर पूरी तरह से बदल दी. अब स्कूल में 111 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं.
Pilibhit News: पीलीभीत के परिषदीय स्कूलों की तस्वीर अब बदलती नजर आ रही है. पूरनपुर ब्लॉक के सबसे पिछड़े गांव चोखापुरी में बने प्राथमिक स्कूल बानगी है. प्रधानाध्यापक मनीष पाठक और स्कूल स्टाफ ने बच्चों को किताबी ज्ञान से अलग हटकर पढ़ाई का नया तरीका निकाला है. प्राथमिक स्कूल में कम संसाधनों के बीच स्मार्ट क्लास की छात्रों को सुविधा दी जा रही है. बच्चों को समूह में गणित गार्डन, विजुअल माध्यम, स्लाइड, चार्ट से पढ़ाया जा रहा है.
स्कूल की सूरत बदलने में प्रधानाध्यापक की भूमिका
हर माह उपस्थिति के साथ अच्छा प्रदर्शन करनेवाले बच्चों को टीचर सम्मानित करते हैं. प्राथमिक स्कूल की तस्वीर बदलने में प्रधानाध्यापक मनीष पाठक की अहम भूमिका रही है. 2015 में फिरोजाबाद निवासी मनीष पाठक बतौर सहायक अध्यापक पद पर तैनात हुए थे. उन्होंने 5 वर्षों के भीतर प्राथमिक स्कूल चोखापुरी की तस्वीर पूरी तरह से बदल दी. मनीष पाठक के आने से पहले प्राथमिक स्कूल की हालत काफी बदतर थी. पिछड़ा इलाका होने की वजह से अधिकतर किसान, ईंट भट्टा पर मजदूरी करने वाले लोगों के बच्चे पढ़ने आते थे. स्कूल में छात्र छात्राओं की संख्या बैलेंस हुआ करती थी लेकिन अब 111 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं.
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गणित गार्डन में आयत, कोण जैसी बनाई आकृतियां
मनीष पाठक और सहयोगी शिक्षकों ने मिलकर बगीचे के बीच सुंदर गणित गार्डन बनाया. उन्होंने गार्डन में आयत, कोण जैसी आकृतियां बनाकर क्लास कल्चर को खत्म करते हुए ग्रुप स्टडी के माध्यम से पढ़ाना शुरू किया. यही नहीं शिक्षकों ने मिलकर एक अलग सिलेबस तैयार किया. शिक्षकों ने श्यामपट्ट के साथ-साथ हर विषय का चार्ट बनाकर बोर्ड के किनारे लाइट भी लगाई. टीचर्स का मानना है कि बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और सीखने की क्षमता भी कुछ अधिक देखने को मिल रही है. हर माह ली जा रही परीक्षा में प्रथम स्थान आनेवाले छात्रों की फोटो बोर्ड पर चस्पा की जाती है.
बोर्ड पर बेहतर प्रदर्शन करनेवाले छात्रों की तस्वीर लगाने का मकसद अन्य छात्र-छात्राओं में उत्साह को बढ़ाना है. कक्षा चार में पढ़ने वाले मोहित और पायल ने बताया कि साक्षात्कार गणित गार्डन में आयत वर्क सिखाया जाता है. किताब के अलावा स्लाइड लगाकर पढ़ाई होती है. इससे जल्दी समझ में आता है और जल्दी याद हो जाता है. हमारे सर रोज इसी तरह पढ़ाते हैं. स्कूल में आते जाते स्लाइड और गार्डन को देखकर याद करना आसान होता है.