Pilibiht News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व जंगल से सटे गांवों में बाघ की दहशत फिर से बढ़ने लगी है. कई किसानों की मौत का कारण बने आदमखोर बाघ का आतंक नजर आने लगा है. हालांकि इन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगातार सक्रिय है. जानकारों की मानें तो इस साल अब तक 10 लोगों की मौत बाघ के हमले में हो चुकी है. 


हालांकि मंगलवार को पीटीआर की टीम ने रेस्क्यू कर इस बाघ को पकड़ लिया है. वन विभाग की टीम बीते 10 दिनों से इसे पकड़ने के लिए लगी हुई थी. विभाग की टीम द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया, ये बाघ तेज आवाज होने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है. उनका कहना है कि हमें आशंका है कि इस बाघ को सुनने में कोई दिक्कत हो रही है.


9 सितंबर को किया था हमला
डीएफओ द्वारा दिए गए बयान में बताया गया कि यह अब तक 10 लोगों की जान ले चुका है. अंतिम बार बीते 9 सितंबर को उसने माला वन रेंज के एक गांव के पास एक शख्स पर हमला किया था. जिस बाघ को पकड़ा गया है वह बिल्कुल स्वस्थ दिख रहा है और उसे कोई चोट नहीं आई है. 


अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया कि यह बाघ बीते दो महीनों के दौरान इलाके में कई लोगों पर खतरनाक हमले कर चुका है और उसके हमलों में 10 लोगों की मौत हुई है. गौरतलब है कि बीते दिनों ही एक अन्य बाघ ने खेत में काम कर रहे एक किसान पर हमला कर उसे गम्भीर रूप से घायल कर दिया था.


कुशीनगर जाली नोट कांड में फंसे अजय कुमार लल्लू? कांग्रेस नेता ने पुलिस को दी चेतावनी


तब उस बाघ को विभाग ने पकड़ लिया था. इसकी जानकारी डीएफओ मनीष सिंह ने दी थी. उन्होंने बताया था कि वन विभाग की टीम को सोमवार तड़के माला रेंज में बाघ की मौजूदगी की खबर मिली थी. टीम ने सुबह करीब पांच बजे बाघ को 'ट्रैंकुलाइज' करके पिंजड़े में कैद कर लिया गया है.