Uttar Pradesh News: देश में बाघों व बांसुरी से पहचान रखने वाले यूपी के पीलीभीत (Pilibhit) को बुधवार को एक बड़ी सौगात मिली. पीलीभीत टाइगर रिजर्व अब हाथियों के लिए भी जाना जाएगा. शासन से मिली अनुमति के बाद कर्नाटक (Karnataka) से हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर टाइगर रिजर्व पहुंचे हाथियों के दल को वन मंत्री अरुण सक्सेना (Forest Minister Arun Saxena) ने माला रेंज पहुंचकर पूजा-पाठ कर फल खिलाया. मंत्री ने जंगल की गश्त और मॉनिटरिंग के लिए वन क्षेत्र के अधिकारियों और पीलीभीत की जनता को शुभकामनाएं दीं. मंत्री ने बताया कि इस पर्यटन सत्र की शुरुआत होने से पहले ये हाथी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे.


क्या नाम है हाथियों का
वन विभाग (Uttar Pradesh Forest Department) के डीडी नवीन खंडेलवाल सहित वन विभाग की टीम द्वारा कर्नाटक से हजारों किलोमीटर दूर पीलीभीत टाइगर रिजर्व इन हाथियों को लाया गया है. इसमें सबसे विशालकाय उम्र में 12 वर्षीय निसर्गा, 07 व 14 वर्षीय सूर्या नाम सहित 08 वर्षीय मादा हथिनी मनीकांता को पीलीभीत टाईगर रिजर्व क्षेत्र में होने वाली मानव और वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए लाया गया है. 


लाए गए 8 महावत भी 
ये हाथी सैकड़ो किलोमीटर में फैले पीलीभीत टाईगर रिजर्व क्षेत्र की गश्त और निगरानी कर जंगल से सटे ग्रामीण इलाकों में होने वाली मानव और वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने के साथ साथ जंगल से बाहर आए बाघों को रेस्क्यू कर उन्हें जंगल के भीतर ले जाने में मदद करेंगे. बता दें कि इन चार हाथियों के दल की सेवा और उनके खाने पीने से लेकर रख रखाव और उनको सीख देने के लिए 8 महावतों को पीलीभीत लाया गया है. 


इन महावतों के नाम हैं अमजद पाशा, मंसूर, हिदायत पाशा, शिव कुमार, मनु दीनू, राजेश वाला और अन्ना. ये सभी महावत हाथियों को काबू में कर उनको रखने के लिए लाए गए हैं. वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अफसर और वन विभाग की टीम के कर्मचारी भी हाथियों से दोस्ती कर पीलीभीत टाइगर रिजर्व की आबो हवा को उनके रहने के लिए अनुकूल बनाने का काम करेंगे.


वन मंत्री ने क्या बताया
वन मंत्री ने बताया कि, पीलीभीत टाइगर रिजर्व को आज बहुत बड़ी सौगात मिली है. मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर रोकथाम के लिए कर्नाटक से पीलीभीत 4 हाथियों का दल पहुंचा है. इससे न केवल पीलीभीत टाइगर रिजर्व को पर्यटन क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा बल्कि आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. टाइगर क्षेत्र के आसपास सैलानियों के जमावड़े से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. यह पीलीभीत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. सरकार और शासन पर्यटन क्षेत्र बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है और एक-एक कदम बढ़ा रही है. यह जनहित और ग्रामीण इलाकों में आर्थिक विकास के लिए काफी सहायक और मददगार साबित होगी.


स्थानीय निवासी ने क्या बताया
स्थानीय निवासी कौशलेंद्र भदौरिया ने बताया कि, पीलीभीत टाइगर रिजर्व को एक के बाद एक नई सौगात मिल रही है. मानव एवं वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं पर रोकथाम के लिए टाइगर रिजर्व से सटे ग्रामीण इलाकों और जंगल क्षेत्र की गश्त के लिए 4 हाथियों को कर्नाटक से पीलीभीत लाया गया है. यह पीलीभीत के लिए गर्व की बात है और यहां आने वाले सैलानियों के लिए हाथी एक आकर्षण का केंद्र बनते नजर आएंगे.


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