पीलीभीत, एबीपी गंगा। गर्मी शुरू होते ही जगह-जगह पानी की किल्लत की समस्या देखने को मिल रही है। यहां तक की भीषण गर्मी से मौत के मामले भी सुनने को मिल रहे हैं, लेकिन पीलीभीत की किस्मत इस मामले में थोड़ी अच्छी हैं। यहां जल, जंगल और जमीन की कोई कमी नहीं है। यहां इंसानों क्या जानवरों के लिए भी 24 घंटे पानी की सुविधा मौजूद है। इस झुलसा देने वाली गर्मी में ठंडी राहत देने वाली इस खबर को जरूर पढ़ें...


पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों के लिए पानी की युद्ध स्तर पर व्यवस्था की जा ही रही। कहने को तो जंगल में नदी-नहरों की कोई कमी नहीं है, फिर में पूरे जंगल में जगह-जगह तालाब खोदे जा रहे हैं और उनमें पानी भरा जा रहा है ताकि जानवरों की प्यास बुझाई जा सके। बता दें कि जंगल मे नदी नहरों की संख्या करीब 12 के आस पास हैं।


यहां जंगल में कहीं सोलर प्लेट से पम्प चल रहा है, तो कहीं ट्यूवेल से तालाबों में पानी भरा जा रहा है। इन तालाबों की निगरानी वन कर्मचारी 24 घंटे करते हैं। वन विभाग का कहना है कि गर्मी में जंगली जानवर पानी की तलाश में जंगल से बहार चले जाते हैं, जिससे गांववालों के साथ-साथ जानवरों की भी जान जोखिम में पड़ जाती है। इसलिए जंगलों में जानवरों के लिए पानी की कमी न रहे, इस कारण 24 घंटे पानी से लगातार तलाव भरे जा रहे हैं।


बता दें कि लगभग 73 हजार हेक्टयर में फैला पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 5 रेंज हैं, जिनमें नैचुरल और हैंड मेड तलाब 70 हैं, 12 तलाबों में सोलर पंप से पानी भरा जा रहा है। 32 तलाबों को बोरिंग से भरा जा रहा है और बाकी नैचुरल तलाब हैं, जो इन दिनों पानी से लबालब भरे हैं। कई जगह पर युद्ध स्तर पर काम भी चल रहा है।


हमने जंगल की माला रेंज के बारे में जाना, गर्मी में एक रेंज में क्या इंतजाम में किए जाते हैं ये खुद इस क्षेत्र के एडीओ ने बताया। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के एसडीओ डी के श्रीवास्तव ने बताया कि गर्मी ज्यादा पड़ रही है। हमारे यहां तीन तरीके के तालाब हैं। गर्मी में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं ताकि पानी की तलाश में बाघ बाहर न जाएं और बाहर खेत में खाद लगा हुआ पानी बाघ को न पीना पड़े।


जंगल मे कहीं भी पानी की कमी नहीं है, गर्मी शुरू होते ही जंगली जानवर जंगल से बहार निकलने लगते हैं और मानव हानि के साथ-साथ वन्य जीव की भी हानि होने लगती है। इस तरह की घटना लगातार सामने आ रही हैं। यहां के डीएफओ आदर्श कुमार ने बताया कि गर्मी के सीजन में बाघ अंदर ही रहे,इसके लिए 70 तालाब तैयार किए गए हैं।नहर नदिया भी हैं। लगातर बाघ और तालाब की मॉनीटिरिंग की जा रही है। गौरतलब है कि बाघ बाहर न जाए ,इसके लिए जंगल के चारों तरफ पानी ही पानी दिख रहा है, जंगल के अंदर पानी का तालाब में भरा जाना जंगल को और खूबसूरत बना रहा है।