Uttar Pradesh News: एक दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के पीलीभीत पहुंचे बीजेपी सांसद वरुण गांधी अपनी ही सरकार के खिलाफ जमकर बरसे. उन्होंने बेरोजगारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके भाषण की याद दिलाते हुए कहा कि 10 लाख नई नौकरी देना तो दूर की बात है पहले भारत में एक करोड़ सरकारी नौकरियों के रिक्त पद भरने का काम करें. यही नहीं बीजेपी ने कहा कि जो अरबों के महल बनाकर रह रहे हैं वे जनता का हक मारकर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. उन लोगों की आवाज वरुण गांधी नहीं बनेगा तो क्या ये बनेंगे?
जनप्रतिनिधि अरबों के महल बना रहे-सांसद
वरुण गांधी ने कहा, मैंने इस राष्ट्र का झंडा उठाने का संकल्प लिया है. हम लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हैं. हम जानते हैं कि ईमानदारी और राष्ट्र भक्ति दो सगी बहनें हैं. अगर ईमानदारी नहीं होगी तो राष्ट्र भक्ति नहीं होगी. जो लोग कमीशन खाते हैं. जो लोग पहले कच्चे मकानों में रहते थे, वे लोग जनप्रतिनिधि बनने के बाद अरबों के महल बना रहे हैं, कालोनियां काट रहे है. मैं राजनीति में इसलिए नहीं आया कि राजनीति एक पेशा है. मैं राजनीति में कुछ बनने आया हूं. मुझे इस देश के मिट्टी की खुशबू अच्छी लगती है इसलिए आया हूं.
कोई देश दीमक की तरह खायेगा तो बोलेंगे-सांसद
वरुण गांधी ने कहा कि, अगर कोई हिंदुस्तान को भीतर से दीमक की तरह कोई खायेगा तो उसका नाम लेकर बोलेंगे.आपके बाप दादाओं ने इस देश की आजादी की लड़ाई में जेल की सजा काटी, अपनी हड्डियां तुड़वा दीं तब जाकर देश आजाद हुआ. आज हम केवल हिंदुस्तान-पाकिस्तान के मैच पर ताली बजाएं वो हमारी देश भक्ति नहीं. हमारी देशभक्ति तब होगी जब हम इस देश के लिए सबकुछ दांव पर लगा देंगे.
निजी विधेयक सदन के पटल पर रखा हूं-सांसद
वरुण गांधी ने कहा कि, मैनें इस बार संसद में एक निजी विधेयक सदन के पटल पर डाला है, जो सरकार से ये मांग कर रहा है कि आज एक करोड़ सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि मैं हर साल 10 लाख नौकरी दूंगा. मैं उनको धन्यवाद देता हूं. कहना चाहता हूं कि आदरणीय 10 लाख नौकरी पैदा करना बाद का विषय है पहले 1 करोड़ खाली पदों की भर्ती तो कीजिए ताकि बेरोजगारी खत्म की जा सके.
राजनीति लोगों को जोड़ने की होनी चाहिए-सांसद
वरुण गांधी ने कहा कि, सरकार ने कोविड महामारी के समय कहा कि आप रिस्क उठा रहे हैं कोरोना महामारी में इसलिए हम आपको पक्का करेंगे क्या वो पक्के हुए? हमारे देश की राजनीति लोगों को जोड़ने की होनी चाहिए न कि तोड़ने की. मैंने इस बार अपनी निधि को शिक्षा पर खर्च किया है. जिले के 07 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों को कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब दिया है. वहीं पूरे जिले के सभी 1900 विद्यालयों के बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर का इंतजाम किया है.