Uttar Pradesh News: पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात ने उत्तर प्रदेश में पीलीभीत (Pilibhit) की तराई में स्थित शारदा नदी के किनारे हजारों ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है. जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा बाढ़ राहत बचाव का कार्य अभी धरातल पर पूरा नहीं हो सका है जिसको लेकर ग्रामीण काफी परेशान हैं और वे जिला प्रशासन से नाराज है. पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन से बात की गई तो जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बाढ़ चौकियों सहित बाढ़ खंड एवं सिंचाई विभाग के अफसरों को बाढ़ राहत बचाव कार्य (Flood relief rescue work) के लिए पूरी तरह से तैयार बताया है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
अभी तक नहीं पूरा हुआ काम
पहाड़ों से निकली काली नदी जो पीलीभीत में शारदा नदी के नाम से जानी जाती है हर वर्ष अपने कहर से हजारों ग्रामीणों को प्रभावित करती है. पिछले वर्ष शारदा नदी के कहर ने सैकड़ो लोगों के घर उजाड़ दिये. सैकड़ो एकड़ जमीन भी शारदा के आगोश में समा गई थी लेकिन एक बार फिर बरसात शुरू होने के बाद ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है. यूं तो जिला प्रशासन करोड़ों रुपए की बाढ़ परियोजना के तहत बाढ़ राहत बचाव कार्य का दावा पेश कर रहा है लेकिन जमीन पर बरसात के मौसम में भी अभी काम पूरा नहीं हो सका है.
एबीपी गंगा की पड़ताल में रम नखरालो जलिया सहित नगरिया कट में अभी बाढ़ खंड और सिंचाई विभाग की परियोजनाओं के काम आधे अधूरे हैं जिसको लेकर ग्रामीणों की चिंता बढ़ने लगी है. अगर लगातार भारी बरसात हो गई और बाढ़ जैसे हालात हुए तो जिला प्रशासन की करोड़ों रुपये की परियोजनाएं धरी की धरी रह जाएंगी .
जिलाधिकारी ने इसपर क्या कहा
वहीं पूरे मामले को लेकर जब जिलाधिकारी पुलकित खरे से बात की गई तो उनका साफ कहना है कि जिले की लगभग 80 ग्राम पंचायत में बाढ़ खंडवा गोताखोरों के साथ बैठक कर ली गई है और मौके पर सभी तरह से बाढ़ राहत बचाव कार्य किए जा चुके हैं. बाढ़ एवं सिंचाई विभाग के अफसरों द्वारा बाढ़ चौकियां बनाकर सभी स्थानों पर अलर्ट कर दिया गया है.
हकीकत कुछ और बयां कर रही
जहां एक तरफ जिलाधिकारी पुलकित खरे बाढ़ से राहत बचाव कार्य का दावा पेश कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. मौके पर अब तक बरसात शुरू होने के बावजूद राहत बचाव कार्य पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में आने वाले दिनों में बाढ़ एक बार फिर लोगों के लिए खतरा बन सकती है. यूं तो मानसून मौसम से पहले 15 जून तक ही बाढ़ राहत बचाव कार्य पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन अबतक राहत बचाव कार्य पूरे नहीं हो सके हैं.