उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ग्रामीण क्षेत्रों में अब आवासीय निर्माण और दुकान निर्माण करने वाले ग्रामीणों को जिला पंचायत से नक्शा पास करना होगा. शासन ने जिला पंचायत विभाग को इसकी मॉनीटरिंग कर नक्शा पास कराने के निर्देश दिए हैं. हालांकि इस प्रकिया को शुरू करने के लिए सर्वेक्षण के दौरान जिला पंचायत विभाग (District Panchayat) को ग्रामीणों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी गजट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय और कमर्शियल भवन निर्माण को लेकर जिला पंचायत से नक्शा पास कराए जाने की प्रक्रिया पहले ही जारी की जा चुकी थी.
सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू
योगी सरकार 2.0 (Yogi Adityanath government) ने जिला पंचायत विभाग को राजस्व की बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे भवन निर्माण और दुकान निर्माण के नक्शा पास कराए जाने को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके बाद पीलीभीत (Pilibhit) में जिला पंचायत विभाग ने कमर कसते हुए ग्रामीण क्षेत्रों की सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू कर हो रहे भवन और दुकान निर्माण को लेकर प्रक्रिया अमल में लाई है.
कितना पैसा लगेगा
इसके बाद ग्रामीण इलाकों में भवन निर्माण करा रहे स्वामियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. इसको लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत की सर्वे करने पहुंची टीम को विरोध भी झेलना पड़ रहा है. नियमानुसार आवासीय भवन निर्माण के लिए 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल पर भवन निर्माण के लिए 25 रुपए प्रति वर्ग मीटर और 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में दुकान निर्माण को लेकर 50 से 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर का भुगतान करने के बाद ही जिला पंचायत से क्षेत्रफल का नक्शा मिल सकेगा. इसके बाद ही निर्माण कार्य कराया जा सकेगा.
अधिकारी ने क्या बताया
जिला पंचायत अधिकारी हरिपाल सिंह यादव ने बताया, शासन से निर्देश के बाद 30 सितंबर 2014 से यह नियम लागू है जिसको कमिश्नर के आदेश के बाद व्यावसायिक भवन निर्माण के लिए 50 से 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर और आवासीय भवन निर्माण के लिए 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भुगतान करके ही भवन निर्माण कराया जा सकेगा. कल पंचायती राज्य मंत्री इस कार्य को लेकर समीक्षा करने वाले हैं. आगे जैसे ही दिशा निर्देश मिलेगा उसपर अमल करते हुए कार्य किया जाएगा. कोई नक्शा पास नहीं कराएगा तो सीजेएम कोर्ट में केस दाखिल कर कार्रवाई के बाद एक्शन लिया जाएगा. यदि जिला पंचायत की भूमि पर कहीं अतिक्रमण मिलता है तो उस पर भी प्रशासन के सहयोग से अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाएगी.