Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (Pilibhit) जिले में ट्रेन की आकृति का बना कम्पोजिट विद्यालय एक बार फिर चर्चा में आने के बाद आकर्षण का केंद्र बन गया है. दरअसल इसी विद्यालय की खबर को एबीपी गंगा ने एक वर्ष पूर्व प्रकाशित किया था जिसको लेकर अब पीलीभीत में विकास कार्यो की समीक्षा करने पहुंचे राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण (Minister Aseem Arun) ने इस विद्यालय को देखकर वहां के शिक्षक को सम्मान पत्र भेजा है. इसके बाद एक बार फिर इस विद्यालय में प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर इलाके के बच्चों के एडमिशन में बढोतरी हुई है.
ट्रेन की आकृति में बना है विद्यालय
तस्वीरों में यह कोई ट्रेन नहीं बल्कि पूरनपुर तहसील के जमुनिया खास गांव में स्थित प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय है जिसको शिक्षकों ने ट्रेन की आकृति में बनाया है. यह बच्चों के आकर्षण, बेहतर शिक्षा और उनकी पढ़ाई में विशेष रूचि के लिए बनाया गया है. इस विद्यालय की इस आकर्षण आकृति को एबीपी गंगा ने 1 साल पहले ही प्रकाशित किया था. यहां के शिक्षकों की मेहनत और बच्चों के इस आकर्षक स्कूल के बारे में बताया था. एक बार फिर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार द्वारा विद्यालय के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा इस विद्यालय की तस्वीर दिखाए जाने के बाद विद्यालय के शिक्षक को सम्मान पत्र भेजकर उनका आभार प्रकट किया गया है.
निजी स्कूलों से पढ़ने आ रहे बच्चे
इसके बाद एक बार फिर ट्रेन की आकृति का बनाया गया यह स्कूल चर्चा में है और आकर्षण का केंद्र बन गया है. गांव के प्राइवेट स्कूलों से बच्चे सरकारी स्कूल में एडमिशन लेकर पढ़ने के लिए यहां आने लगे हैं. इस समय विद्यालय में बच्चों की संख्या 567 है. विद्यालय में जगह कम और बच्चों की बढ़ोतरी होने से बैठने में थोड़ी दिक्कत जरूर आती है लेकिन पूरे विद्यालय में सभी बच्चे मन लगाकर इस ट्रेन नुमा विद्यालय में पढ़ाई करते हैं.
प्रधानाध्यापक ने क्या बताया
प्रधानाध्यापक श्री कृष्ण ने बताया कि, 1 वर्ष पूर्व एबीपी गंगा द्वारा इस स्कूल की प्रकृति को देख हमारी मेहनत को आपने प्रकाशित किया था और अब एकबार फिर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण द्वारा इसकी तस्वीर दिखाए जाने के बाद उन्होंने मुझे प्रशस्ति पत्र दिया है जिसको लेकर अब एक बार फिर स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के फोन प्रेरणा लेने के लिए आ रहे हैं. यही नहीं गांव के प्राइवेट स्कूलों से लगभग 30 से 35% बच्चों ने नाम कटवाकर हमारे सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया है. इस समय स्कूल में कुल 567 बच्चे हैं जो हर रोज विद्यालय में पढ़ने आते हैं. उनके भविष्य को किस तरह बेहतर बना सकें इसको हम लगातार प्रयासरत रहते हैं.