Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत में सामूहिक हत्याकांड के मामले में 38 साल बाद अदालत से इंसाफ मिला है. कोर्ट ने इस मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. ये मामला 24 अगस्त 1984 का है जब एक शख्स ने दूसरी शादी करने के लिए अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या करवा दी थी. इस वारदात को 5 सीरियल किलर ने अंजाम दिया था. पीलीभीत के एडिशनल सेशन जज राजीव सिंह ने इस मामले में हीरालाल, टीकमदास, सुरेश और रमेश को उम्र कैद की सजा सुनाई है. जबकि दो आरोपियों सुखपाल सिंह और डॉक्टर इसरार की मौत हो चुकी है. 

 

जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल थाना कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला तखान में 24 अगस्त 1984 को टीकमदास चांदवानी ने कुछ साथियों के साथ मिलकर अपनी पत्नी, बेटे और दो बेटियों की गला रेत कर हत्या करवा दी थी. इस वारदात को लेकर टीकमदास ने कोतवाली में जो एफआईआर दर्ज कराई उसमें कहा था कि उसकी पत्नी गंगा देवी, 22 साल का बेटा प्रभुदास, 19 साल की बेटी पुष्पा और 7 साल बेटी रानू की अज्ञात लुटेरों ने गला रेत कर हत्या कर दी और नगदी एवं जेवर लूटकर फरार हो गए. टीकमदास ने कहा कि घटना के समय वो रात को छत पर सो रहा था इसीलिए उसे कुछ भी पता नहीं लग पाया. 

 

दूसरी शादी के लिए की पत्नी-बच्चों की हत्या

पुलिस ने जब इस मामले की छानबीन की तो शक टीकमदास पर ही हुआ. जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. तफ्तीश में सामने आया कि टीकम को उसके एक डॉक्टर दोस्त ने सलाह दी कि अगर उसकी पत्नी और बच्चे नहीं रहेंगे तो वो उसकी दूसरी शादी करा देगा. टीकम के पत्नी और बच्चे दिव्यांग थे और उसे उनसे खास लगाव नहीं था. जब उसे दूसरी शादी का लालच दिया गया तो बिना सोचे समझे उसने पत्नी और बच्चों की हत्या की साजिश रची और इस वारदात को अंजाम दे दिया.

 

सुपारी किलर्स से करवाई थी हत्या

टीकम ने बरेली से पांच सुपारी किलर बुलाए और 24 अगस्त 1984 की रात प्लान के मुताबिक पांचों आरोपियों ने उसकी पत्नी और बच्चों को गला रेत कर उनकी हत्या कर दी. इस मामले में 38 साल पहले चार्जशीट दाखिल की थी. लेकिन टीकम ने हाईकोर्ट में रिट डाल दी जिसके चलते पीलीभीत की कोर्ट से मुकदमे की सारी फाइल इलाहाबाद कोर्ट भेज दी गई और मुकदमे में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. 

 

38 साल बाद मिला इंसाफ

इस बीच टीकमदास ने दूसरी शादी कर ली और बिजनेस शुरू कर लिया. इधर कोर्ट की पैरवी के बाद 3 साल पहले ही सारी फाइलें वापस आई और एक बार फिर से इस केस पर सुनवाई शुरू हो गई. तीन साल की सुनावाई के बाद पीलीभीत के एडिशनल सेशन जज राजीव सिंह ने आरोपी टीकमदास और उसके साथियों हीरालाल, सुरेश और रमेश को उम्र कैद की सजा सुनाई है जबकि दो आरोपियों सुखपाल सिंह और डॉक्टर इसरार की पहले ही मौत हो चुकी है.